उत्तर प्रदेश एनकाउंटर मामला: सुप्रीम कोर्ट 12 फरवरी को करेगा सुनवाई


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सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार के कार्यकाल में हुए एनकाउंटर्स पर गंभीर रुख अख्तियार किया है. कोर्ट इस मामले में मानवाधिकार संगठन पीयूसीएल द्वारा दायर की गई जनहित याचिका की सुनवाई कर रहा था.

इस याचिका में मार्च 2017 के बाद से राज्य पुलिस की ओर से एनकाउंटर्स में मारे गए 59 लोगों के मामले की जांच विशेष जांच दल या सीबीआई से कराने की मांग की गई है. वहीं, कोर्ट में राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सभी एनकाउंटर्स कानून के दायरे में रहकर किए गए हैं. उसने इस मामले को इलाहाबाद हाई कोर्ट में स्थानांतरित करने का अनुरोध भी किया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.

चीफ जस्टिस रंजन गोगाई ने कहा कि यह एक बेहद गंभीर मामला है जिस पर विस्तृत सुनवाई की आवश्यकता है. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 फरवरी का दिन निर्धारित किया है.

बता दें कि हाल में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने इन एनकाउंटर्स पर कई गंभीर सवाल उठाये हैं. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इन एनकाउंटर्स की पुलिस जांच में सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी निर्देशों का पालन नहीं किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के जिन निर्देशों का पालन नहीं किया गया है उनमें ‘हत्या के बाद पुलिस की ओर से परिवार के सदस्यों को जानकारी नहीं देना’, ‘परिवारों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं देना’, और ‘जांच को स्वतंत्र एजेंसी को भेजना आदि शामिल हैं.


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