तबरेज की पत्नी ने झारखंड सरकार को दी आमरण अनशन की चेतावनी
ANI
झारखंड में भीड़ की हिंसा का शिकार हुए तबरेज अंसारी की पत्नी शाइस्ता परवेज ने झारखंड सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनके पति की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और डॉक्टरों की टीम द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट उन्हें उपलब्ध नहीं कराई जाती है तो वो आमरण अनशन करेंगी.
इससे पहले शाइस्ता और तबरेज के चाचा मोहम्मद मनसूर आलम ने सरायकेला-खरसावां के उपायुक्त ए दोड्डे से पोस्टमार्टम रिपोर्ट की मांग की थी.
शाइस्ता ने सरायकेला-खरसावां के पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस से भी मिलकर जरूरी दतस्तावेजों की मांग की. जिला उच्चाधिकारियों को सौंपे ज्ञापन में शाइस्ता ने कहा, “22 जून को धत्कीडीह गांव में भीड़ के हमले और फिर प्रशासन और सरायकेला जिला अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही से उनके पति की मौत हो गई.”
उन्होंने ज्ञापन में आगे मांग की कि “आगे की कार्यवाही के लिए उन्हें पोस्टमार्टम और अन्य चिकित्सा रिपोर्ट चाहिए.”
वहीं बीते हफ्ते पुलिस ने तबरेज अंसारी की मॉब लिंचिंग मामले में सभी 13 आरोपियों के खिलाफ हत्या का आरोप हटा दिया है. आरोपियों के खिलाफ लगे हत्या के आरोप (आईपीसी की धारा 302) को धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) में तब्दील कर दिया गया है.
जिसके बाद अब तबरेज की पत्नी ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि उन्हें जिला पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है.
तबरेज की पत्नी ने सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-302 के तहत मामला बहाल करने की मांग की है. वह मुकदमे में नामजद 11 आरोपियों पर से धारा-302 (हत्या) हटाने और धारा-304 (हत्या की श्रेणी में नहीं आने वाले गैर इरादतन मानव वध) के तहत मुकदमा दर्ज करने पर प्रतिक्रिया दे रही थीं.
24 वर्षीय अंसारी की कथित चोरी के आरोप में 17 जून को सरायकेला के धत्कीडीह गांव में खंबे से बांधकर रॉड से पिटाई की गई थी और जय श्रीराम का नारा लगाने के लिए मजबूर किया गया था. इसका वीडियो टीवी चैनलों पर प्रासरित हुआ था. अंसारी की 22 जून को मौत हो गई थी.
तबरेज की पत्नी सरायकेला जिला अस्पताल और सरायकेला जेल में इलाज करने वाले डॉक्टरों के नाम, विशेषज्ञता के बारे में भी जानकारी चाहती हैं.