जल्लिकट्टू में 100 से ज्यादा लोग घायल


 

तमिलनाडु के मदुरै में जल्लिकट्टू त्योहार के दौरान हुए कार्यक्रमों में घायलों की संख्या 100 के पार पहुंच गई है. पोंगल त्योहार के दौरान चार दिनों तक चलने वाले जल्लिकट्टू कार्यक्रम में घायलों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है.

बीते दो दिनों में अवनियापुरम के पालमेडू में हुए इन कार्यक्रमों में करीब 500 बैलों और 450 लोगों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम में जीतने वालों के लिए ओमनी वेन, सोने और चांदी के गहने और कई घरेलू सामान रखे गए हैं.

मदुरै पुलिस ने जानकारी दी कि पालमेडु में कार्यक्रम के दौरान 48 लोग घायल हुए. इसमें 13 लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिसका इलाज फिलहाल अस्पताल में चल रहा है.

वहीं मदुरै जिला अधिक्षक नाटराजन और अतिरिक्त पुलिस निदेशक डेविडसन ने मीडिया को बताया कि “बीते दो दिनों से कार्यक्रम शांतिपूर्वक तरीके से हो रहे हैं. कार्यक्रमों को देखते हुए सुरक्षा के उचित इंतजाम किए गए हैं”.

तमिलनाडु समेत दक्षिण भारत में पोंगल के त्योहार के दौरान जल्लिकट्टू खेल होता है. इस खेल में बैलों को खुला छोड़ दिया जाता है, जिसके बाद लोग इन बैलों को काबू करते हैं.

साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जल्लिकट्टू पर रोक लगा दी थी. हालांकि केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय ने प्रतिबंध को रद्द कर दिया, लेकिन बाद में इसे शीर्ष अदालत ने बरकरार रखा. इसके बाद तमिलनाडु की जनता ने लगभग एक हफ्ते तक कोर्ट के फैसले के खिलाफ काफी विरोध प्रदर्शन किए. जिसे देखते हुए 21 जनवरी, 2017 को राज्य सरकार ने जल्लिकट्टू को पशुओं के प्रति क्रूरता रोकथाम अधिनियम से बाहर करने के लिए एक अध्यादेश पारित किया. जिसे विधानसभा में भी पारित करा लिया गया था.


ताज़ा ख़बरें