चुनाव आयोग को टीडीपी की ‘खरी-खोटी’


chandrababu naidu welcomes all party against bjp alliance

 

टीडपी ने चुनाव आयोग की उस आपत्ति का जवाब दिया है, जिसमें आयोग ने हरि पी वेमुरू की टीडीपी डेलीगेशन में उपस्थिति को लेकर एतराज जताया था. टीडीपी ने कहा, “आयोग मुद्दे पर बात ना करके स्थिति से बचने का प्रयास कर रहा है.”

दरअसल वेमुरू उस डेलीगेशन का हिस्सा थे जो चुनाव आयोग के पास ईवीएम को लेकर आपत्ति जताने गया था. वेमुरू को 2010 में ईवीएम टेंपरिंग साबित करने के प्रयास में गिरफ्तार किया गया था.

बीते शनिवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई में एक टीम चुनाव आयोग से मिलने गई थी. ये डेलीगेशन लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में ईवीएम मशीनों में आई गड़बड़ी के मुद्दे पर अपनी शिकायत लेकर गया था.

इस बैठक के दौरान आयोग ने डेलीगेशन के कुछ सदस्यों को उप चुनाव आयुक्त सुदीप जैन और तकनीकि समिति के अध्यक्ष डीटी साहनी से मुलाकात करने की इजाजत दे दी. लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया गया.

इसको लेकर आयोग ने सफाई दी कि टीडीपी के डेलीगेशन में हरि के प्रसाद वेमुरू मौजूद थे. वेमुरू पर आरोप है कि 2010 में ईवीएम में गड़बड़ी को दिखाने के लिए उन्होंने अवैध तरीके से ईवीएम हासिल की थी. बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. और उनपर ईवीएम चोरी के आरोप तय किए गए थे.

इस घटनाक्रम के बाद चुनाव आयोग ने टीडीपी को एक पत्र लिखा था. इस पत्र में कहा गया, “… ये बहुत अजीब है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अगुआई वाले डेलीगेशन में ऐसे तथाकथित तकनीकि विशेषज्ञ को शामिल किया गया.”

इसके जवाब ने टीडीपी ने ये भी कहा कि आयोग मुद्दे पर बात ना करने के बहाने बना रहा है. जबकि ऐसा पहली बार नहीं है कि वेमुरू ऐसे किसी डेलीगेशन का हिस्सा हों.


ताज़ा ख़बरें