पुलवामा में मार-पीट के बाद युवक ने की आत्महत्या, आर्मी का खंडन


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जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में चंदगाम गांव में कथित रूप से आर्मी की हिंसा का शिकार हुए एक युवक ने मंगलवार को आत्महत्या कर ली.

द टेलीग्राफ लिखता है कि आर्मी ने इस आरोप का खंडन किया है. आर्मी ने कहा कि आरोप ‘आधारहीन’ हैं और युवक को हिरासत में नहीं लिया गया था, ना ही उसके साथ मार-पीट की गई.

युवक का नाम यावर अहमद भट्ट था. 15 वर्षीय यावर कक्षा दसवीं का छात्र था. यावर के परिवार ने बताया कि “उसने मंगलवार रात जहर खा लिया. जिसके बाद गुरुवार रात श्रीनगर स्थित श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल में उसकी मौत हो गई.”

गांववालों ने कहा कि “सोमवार को गांव को में एक ग्रेनेड हमला हुआ. जिसके बाद जवानों ने कई स्थानीय युवकों से उनके आईडी कार्ड ले लिए.”

यावर के पिता अब्दुल हामीद भट्ट का कहना है कि “उसने अपनी बहन को बताया था कि आर्मी ने उसे मारा-पीटा जिसकी वजह से वो पूरा दिन दुखी था.”

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भट्ट एक किसान हैं. उन्होंने रिपोर्टर से कहा, “मेरी बेटी ने कहा कि यावर से उसका आईडी कार्ड ले लिया गया था और उससे आर्मी कैंप में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था.” यावर के चाचा गुलजार अहमद ने कहा कि “यावर को डर था कि आर्मी कैंप में उसे प्रताड़ित किया जाएगा इसलिए उसने अपने जिंदगी खुद लेने का फैसला किया.”

यावर के भाई रईस ने कहा, “यावर ने मुझसे कहा था कि कश्मीर में जुल्म हो रहे हैं इसलिए उसने ये कदम उठाया. जहर खाने के बाद भी वो अस्पताल जाने को तैयार नहीं था.”

मंगलवार को घटना के दिन यावर पूरा दिन परेशान था और उसने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया था. परिवार के एक सदस्य ने कहा, “रात में करीबन 11 बजे हमने देखा कि वो उल्टियां कर रहा है. उसने कहा कि उसे सर में दर्द हो रहा है जिसके बाद हम उसे पुलवामा के एक अस्पताल में ले गए. उसके हालत खराब होने के बाद उसे श्रीनगर के एक अस्पताल में भेज दिया गया.”

पुलवामा पुलिस के अध्यक्ष चंदन कोहली ने अखबार को बताया कि “युवक ने आत्महत्या की है और फिलहाल हम इस मामले में जांच कर रहे हैं. हमने आर्मी से इस बारे में पूछा तो उन्होंने सभी आरोपों का खंडन किया है. परिवारवालों से हम संपर्क नहीं कर पा रहे हैं पर उनके आरोपों को हमने जांच में शामिल किया है.”

पुलिस ने कहा कि उन्हें यावर के मौत के बाद इस मामले का पता चला इसलिए वो उसका बयान नहीं दर्ज कर सके.

वहीं फिलहाल ये स्पष्ट नहीं है कि अस्पताल ने पुलिस को इस घटना के बारे में सूचित किया था या नहीं, जैसा की इस मामले में किया जाना था.


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