ब्रिटिश संसद ने दूसरी बार ब्रेग्जिट डील खारिज की
ब्रिटिश संसद ने मंगलवार 12 मार्च को देर रात प्रधानमंत्री टेरिजा मे के ब्रेग्जिट समझौते को खारिज कर दिया है. इस तरह टेरिजा मे को लगातार दूसरी बार इस समझौते पर अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा.
ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने की तय तारीख 29 मार्च है. दो हफ्ते पहले सदन के इस फैसले से देश अनिश्चितता के दौर में चला गया है. ब्रिटिश संसद के निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमंस’ ने 242 वोट ब्रेग्जिट के समर्थन में दिए. वहीं 391 वोट ब्रेग्जिट के खिलाफ दिए गए.
इससे पहले हुए वोटिंग में ब्रेग्जिट समझौते के खिलाफ 432 वोट और समर्थन में महज 202 वोट पड़े थे. टेरिजा मे ने 15 जनवरी को पहला प्रस्ताव खारिज हो जाने के बाद पिछले सप्ताह दूसरा विकल्प पेश किया था.
टेरिजा मे ने ब्रिटिश संसद के इस फैसले पर खेद जताते हुए कहा कि ब्रिटेन के सामने सबसे अच्छा विकल्प यही है कि वह समझौते के साथ यूरोपीय संघ से अलग हो जाए. उन्होंने जोड़ा कि जिस समझौते को उन्होंने अंतिम रूप दिया है, वही मौजूदा हालातों में सबसे अच्छा समझौता है.
हालांकि यूरोपीय संघ के बहुत से नेताओं ने ब्रिटिश संसद द्वारा ब्रेक्जिट समझौते को दूसरी बार खारिज किए जाने पर निराशा जताई है. स्पेन के प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज ने कहा कि यूरोपीय संघ द्वारा सबसे अच्छे समझौते पर पहुंचने के प्रयासों के बावजूद नतीजा निराशाजनक रहा.
वहीं स्कॉटलैंड की फर्स्ट मिनिस्टर निकोला स्टर्जन ने टेरिजा मे की आलोचना करते हुए कहा है कि उन्हें पूरा अनुमान था कि ब्रेक्जिट समझौता इस बार भी संसद में खारिज हो जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर ब्रिटिश सरकार सभी को बातचीत में सकारात्मक ढंग से शामिल करती तो ये स्थिति टाली जा सकती थी.
लगातार दूसरी बार ब्रेक्जिट समझौते के खारिज होने के बाद अब ब्रिटिश संसद बिना किसी समझौते के यूरोपीय संघ छोड़ने पर वोट करेगी. अगर यह प्रस्ताव पास हो जाता है तो ब्रिटेन बिना किसी समझौते के 29 मार्च को यूरोपीय संघ से बाहर हो जाएगा. वहीं, अगर ब्रिटिश संसद इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट करती है तो संसद एक बार फिर से ब्रेक्जिट पर देरी के लिए वोट करेगी. अगर यह प्रस्ताव पास होता है तो टेरिजा मे यूरोपीय संघ से ब्रेक्जिट में देरी के लिए आग्रह करेंगी. तब यूरोपीय संघ पर निर्भर करेगा कि वह उनके आग्रह को माने या नहीं.