हनोई: ट्रंप-किम वार्ता बेनतीजा समाप्त


trump leaves hanoi with no deal

 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच शिखर वार्ता बिना किसी समझौते के समाप्त हो गई है. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने प्रतिबंध हटाए जाने की किम जोंग की मांगो को देखते हुए वहां से जाने का फैसला किया.

सिंगापुर में पहले ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के बाद उनकी बहुप्रतीक्षित दूसरी मुलाकात थी. दोनों नेता संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने में असफल रहे और बातचीत गतिरोध के बीच समाप्त हो गई. हालांकि संयुक्त बयान पर दोनों नेताओं का हस्ताक्षर करना पहले से निर्धारित था.

ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कभी-कभी आपको चलना पड़ता है और यह वैसे ही समय में से एक था.’’

उन्होंने कहा, ‘‘मूल रूप से वे चाहते थे कि प्रतिबंध पूरी तरह से हटा लिए जाएं लेकिन हम ऐसा नहीं कर सकते.’’

हालांकि, ट्रंप ने जोर देकर कहा कि वह आशावादी हैं. उन्होंने कहा कि हमने जो शिखर सम्मेलन से पहले और उसके दौरान प्रगति की, उससे वे भविष्य में बहुत अच्छा परिणाम पाने की स्थिति में हैं.

उन्होंने कहा कि किम ने परमाणु या बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण फिर से शुरू नहीं करने का वादा किया था. कुछ समय पहले उन्होंने इसे सफलता के लिए एक मानक माना था. उन्होंने अपने ‘‘करीबी रिश्तों’’ को दोहराते हुए कहा कि किम के साथ तीसरे शिखर सम्मेलन का अभी कोई प्रस्ताव नहीं है.

ट्रंप ने कहा, ‘‘हम एक-दूसरे को पसंद करते हैं. हमारे बीच गर्मजोशी है और मुझे उम्मीद है कि यह बनी रहेगी.’’

हनोई वार्ता के नतीजे अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रहे. इस पर आलोचकों ने निशाना साधते हुए कहा कि सिंगापुर में उनकी प्रारंभिक ऐतिहासिक बैठक में दिखावा ज्यादा था. उसमें ठोस बात नहीं थी. आलोचकों ने इसे एक बड़ी नाकामी बताया.

दोनों नेता बिना किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए बैठक से हट गए और ट्रंप ने निर्धारित समय से दो घंटा पहले ही संवाददाता सम्मेलन किया.

उधर हनोई सम्मेलन समाप्त होने के बाद चीन ने उम्मीद जताई है कि अमेरिका और उत्तर कोरिया बातचीत करते रहेंगे. चीन ने कहा कि परमाणु मुद्दा रातोंरात हल नहीं होगा. चीन उत्तर कोरिया का एकमात्र प्रमुख सहयोगी है.

सम्मेलन के बाद जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने ट्रम्प का समर्थन किया.

आबे ने अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ फोन पर बातचीत के बाद संवाददाताओं से कहा कि जापान कोई आसान समझौते नहीं करने के राष्ट्रपति ट्रम्प के फैसले का पूरी तरह से समर्थन करता है. उन्होंने उत्तर कोरिया से ठोस कार्रवाई करने का आग्रह भी किया.

दक्षिण कोरिया ने ट्रम्प और किम जोंग उन के बीच परमाणु वार्ता के टूटने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. लेकिन उसने उम्मीद जताई कि दोनों देश बातचीत जारी रख सकते हैं.

सम्मेलन का अचानक समाप्त होना दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जेई- इन के लिए एक झटका है. कोरियाई देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों की उनकी इच्छा परमाणु गतिरोध पर निर्भर है.


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