मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने के बदले आप्रवासियों को संरक्षण : ट्रंप
अमेरिकी सरकार में जारी आंशिक कामकाज बंदी को खत्म करने की कोशिश में राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने के लिए 5.7 अरब डॉलर के अनुदान के बदले अवैध रूप से देश में प्रवेश करने वाले बच्चों को संरक्षण देने को तैयार हैं.
डेमोक्रैट्स ने हालांकि ट्रंप की इस पेशकश को ठुकराते हुए कहा है कि यह बातचीत करने लायक भी नहीं है.
मेक्सिको से लगी सीमा पर दीवार निर्माण के लिए कोष की मांग को लेकर ट्रंप नेतृत्व वाले रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक के बीच गतिरोध से सरकार का कामकाज 29वें दिन भी आंशिक रूप से ठप रहा. इससे महत्वपूर्ण विभागों के करीब 8,00,000 सरकारी कर्मचारियों को लंबी छुट्टी पर भेजा गया है या वे बिना वेतन के काम कर रहे हैं.
राष्ट्रपति ने निर्वासन का सामना करने वाले प्रवासियों के अन्य समूहों को भी संरक्षण देने की पेशकश की है. उन्होंने व्हाइट हाउस में अपने भाषण में कहा, ‘‘वाशिंगटन में दोनों पक्षों को साथ आना चाहिए.’’
उन्होंने कहा कि वह ‘‘गतिरोध खत्म करने’’ की कोशिश कर रहे हैं.
सीमा पर दीवार बनाने की अपनी योजना का बचाव करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘कट्टरपंथी वाम कभी हमारी सीमाओं को नियंत्रित नहीं कर सकता. दीवार अनैतिक नहीं है बल्कि उसके विपरित है क्योंकि वह कई जिंदगियां बचाएगी.’’
ट्रंप ने कहा कि उनका प्रस्ताव ‘डेफर्ड एक्शन फॉर चाइल्डहुड अराइवल’ (डीएसीए) का लाभ प्राप्त करने वाले 7,00,000 लोगों को तीन साल के लिए कानूनी राहत देने का है, जिन्हें उनके अभिभावक कई साल पहले कम उम्र में गैरकानूनी तरीके से यहां लेकर आए थे.
ट्रंप ने कहा, ‘‘हमारा प्रस्ताव अस्थायी संरक्षित स्थिति को तीन वर्ष का विस्तार देता है. इसका मतलब है कि 3,00,000 प्रवासी जिनकी यह (संरक्षित स्थिति) अवधि समाप्त हो रही है उनके पास अब तीन वर्ष और होंगे… ताकि कांग्रेस एक बड़े आव्रजन समझौते पर काम कर सके, जो हर कोई चाहता है – रिपब्लिकन और डेमोक्रैट्स दोनों.’’
दूसरी ओर, डेमोक्रेटस ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.
अमेरिकी संसद के निचले सदन में प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति बंद को गर्व की बात समझ रहे हैं. अब उन्हें बंद खत्म करने के लिए भी कदम उठाने चाहिए.’’
पेलोसी ने कहा, ‘‘इसकी कोई संभावना नहीं है कि इन पेशकशों में से एक भी किसी सदन में पारित होगा, और इसे साथ लेने पर तो यह बातचीत करने योग्य भी नहीं है. यह प्रस्ताव स्थायी समाधान नहीं है और हमारे देश को टीपीसी लाभार्थियों की जरूरत और उनका समर्थन चाहिए.’’