ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने समय से पहले आम चुनाव कराने के लिए प्रस्ताव पेश किया


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ब्रिटेन में सरकार के एजेंडा के खिलाफ 328 सांसदों ने ब्रेग्जिट डील को आगे बढ़ाने वाले बिल के समर्थन में वोट किया है. जबकि इस बिल के खिलाफ 301 सांसदों ने वोट दिया.

सांसदों के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने समय से पहले आम चुनाव कराने का प्रस्ताव पेश किया.

वहीं इससे पहले ब्रेग्जिट पर अहम मतदान से ठीक पहले कंजरवेटिव पार्टी के एक नेता ने दल-बदल कर लिया है, जिसके कारण जॉनसन की सरकार के पास हाउस ऑफ कॉमन्‍स में कामकाज के लिए आवश्‍यक बहुमत नहीं रह गया है.

दल-बदल करने वाले कंजरवेटिव सांसद फिलिप ली का कहना है कि जॉनसन की सरकार ब्रेक्जिट के मुद्दे पर सैद्धांतिक तरीके से आगे नहीं बढ़ रही है और इसलिए इसने कई लोगों के जीवन व जीव‍िका को खतरे में डाल दिया है. फिलिप ली कंजरवेटिव पार्टी से अलग होकर लिबरल डेमोक्रेट में शामिल हो गए हैं, जो यूरोपीय संघ की समर्थक है.

वोट के तुरंत बाद जॉनसन ने कहा, “मैं नहीं चाहता कि चुनाव हो, पर कल अगर सांसद ब्रेग्जिट में एक और अनावश्यक देरी के समर्थन में वोट करते हैं तो इसका केवल यही समाधान है.”

उन्होंने जानकारी दी कि वो मंगलवार को सबसे पहले नीति निर्माताओं से जल्दी चुनाव कराने की मांग करेंगे.

फिलहाल नीति निर्माताओं के सामने सबसे बड़ी चुनौती ऐसा कानून पारित कराने को लेकर है जिसमें संसद से पारित ब्रेग्जिट की शर्तें हों या फिर दूसरा विकल्प है कि जॉनसन यूरोपियन संघ से ब्रेक्जिट में 31 जनवरी तक की अतिरिक्त देरी की मांग करें.

कंजरवेटिव पार्टी ने विद्रोही सांसदों को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने सरकार की उपेक्षा की तो उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा. इनमें प्रमुख तौर पर निकोलस सोआमेस और दो पूर्व वित्त मंत्री – फिलिप हैमंड और कैनथ क्लार्क शामिल हैं.

सर ऑलिव लेटविन ने कहा कि प्रस्ताव इसलिए पेश किया गया क्योंकि “सरकार ने ब्रेग्जिट को लेकर अब तक कोई नया प्रस्ताव पेश नहीं किया. उन्होंने संसद को बंद कर दिया, वो नो डील ब्रेग्जिट पर विचार कर रहे हैं और यही नो डील ब्रेग्जिट यूके पर गंभीर खतरा है.”

जॉनसन की सरकार अब बुधवार को समय से पहले चुनाव कराने को लेकर प्रस्ताव पारित कराने की कोशिश करेगी.

अगर ऐसा होगा तो चुनाव 14 अक्टूबर को हो सकते हैं.

हालांकि ये अबतक स्पष्ट नहीं है कि विपक्षी पार्टियां सरकार के इस कदम का समर्थन करेंगी या नहीं. सरकार के इस फैसले को पारित कराने के लिए हाउस ऑफ कॉमन्स में 650 सीटों में से दो-तिहाई वोटों की जरूरत होगी.

लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने कंजरवेटिव पार्टी पर निशाना साधते हुए ट्वीट में कहा, “बोरिस जॉनसन की सरकार के पास ना सिद्धांत हैं, ना समर्थन और आज की तारिख में बहुमत भी नहीं है.”


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