विजय माल्या देश का पहला ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित
मुबंई की प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट (पीएमएलए) कोर्ट ने शराब करोबारी विजय माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया है. ‘भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओए) 2018’ के तहत माल्या पहला ऐसा अपराधी घोषित किया गया है.
स्पेशल कोर्ट के इस फैसले के बाद केंद्र सरकार को माल्या की संपत्तियां जब्त करने का अधिकार मिल सकेगा. संपत्तियां जब्त किए जाने को लेकर कोर्ट पांच फरवरी को सुनवाई करेगी.
इससे पहले बीते साल नवंबर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विजय माल्या के खिलाफ दर्ज वित्तीय मामले के तहत उसे भगोड़ा घोषित किए जाने की मांग की थी.
एफईओए कानून बीते साल 31 जुलाई को पारित हुआ था.
इस कानून के तहत अपराधी घोषित किए जाने के कुछ नियम हैं. पहला नियम ये है कि आरोपी व्यक्ति के खिलाफ पुलिस ने अरेस्ट वारंट जारी किया हो. दूसरा नियम है कि उसके खिलाफ दर्ज आर्थिक अपराध के मामले की सीमा 100 करोड़ रुपये से ज्यादा हो.
इसके अलावा ये भी जरूरी है कि आरोपी व्यक्ति ने उसके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए देश वापस आने से मना कर दिया हो.
विजय माल्या के खिलाफ अलग-अलग बैंकों से नौ हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेने और उसे चुकाए बिना विदेश जाने का आरोप है. खबरों के मुताबिक साल 2016 में देश छोड़ने के बाद माल्या लंबे समय से ब्रिटेन के लंदन में रह रहे हैं.