विवाद के बाद राजनाथ सिंह को छह और समितियों में मिली जगह


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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का नाम चार और मंत्रिमंडलीय समितियों में जोड़ा गया है. सिंह अब मंत्रिमंडल के संसदीय मामलों की समिति की अध्यक्षता करेंगे और राजनीतिक मामलों की उन सभी महत्वपूर्ण समितियों में भी शामिल रहेंगे, जिनके अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं.

इससे पहले 06 जून को जारी की गई सूचना के मुताबिक मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के लिए  8 मंत्रिमंडलीय समितियों का गठन किया था. इसमें छह समितियों का पुनर्गठन किया गया, जबकि रोजगार और आर्थिक मामलों की दो नई समितियों का गठन किया गया.

हैरान करने वाला रहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह को केवल दो समितियों में जगह दी गई. वहीं अमित शाह को सभी आठ समितियों का सदस्य बनाया गया.

अमित शाह के बाद सबसे ज्यादा सात कैबिनेट समितियों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को जगह दी गई थी.

सिंह को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए)और सुरक्षा पर मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) का पहले ही सदस्य बनाया जा चुका है. अब वह सरकार की छह अहम समितियों का भी हिस्सा होंगे.

रक्षा मंत्री को सरकार की दो नई समितियों-निवेश एवं विकास पर मंत्रिमंडल समिति और रोजगार एवं कौशल विकास पर मंत्रिमंडल समिति का सदस्य बनाया गया था. इन समितियों का उद्देश्य निवेश और विकास में तेजी लाना है.

सिंह पिछली सरकार में संसदीय मामलों की मंत्रिमंडल समिति की अध्यक्षता कर चुके हैं.

राजनीतिक और संसदीय मामलों की समितियों को केंद्र सरकार के नीतिगत फैसलों की दृष्टि से काफी अहम माना जाता है. सिंह को पहले जारी की गई सूची में राजनीतिक मामलों के साथ-साथ संसदीय मामलों की समिति से भी दूर रखा गया था.

संसदीय मामलों की मंत्रिमंडल समिति के पुनर्गठन में मोदी, शाह, सिंह के साथ नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, रामविलास पासवान, नरेंद्र सिंह तोमर, रवि शंकर प्रसाद, हरसिमरत कौर बादल, हर्ष वर्धन, पीयूष गोयल, अरविंद सावंत और प्रहलाद जोशी को जगह मिली है.


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