वाराणसी: पैर धोते प्रधानमंत्री और मरते सफाईकर्मी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में नाले की सफाई के लिए मेनहोल में उतरे दो सफाई कर्मियों की कल मौत हो गई. अभी कुछ ही दिन पहले प्रधानमंत्री वाराणसी में सफाईकर्मियों के पैर धोते नजर आ रहे थे. जाहिर है कि यह घटना सफाईकर्मियों की जमीनी हकीकत से वाकिफ कराती है.
ख़बरों के मुताबिक़, यह घटना वाराणसी के पाण्डेयपुर इलाके की है जब शुक्रवार की रात को सीवेट ट्रीटमेंट प्लांट के मेनहोल में सफाई करने के लिए दो सफाईकर्मी 40 फीट गहरे में उतरे. लेकिन सड़क धंसने के कारण मेनहोल में मलवे का प्रवाह बहुत तेज हो गया जिसका अंदाजा दोनों सफाईकर्मियों को नहीं लग सका. नतीजतन, दोनों की ही मेनहोल में मौत हो गई.
दोनों मृतक सफाईकर्मियों की पहचान बिहार के मधुबनी जिले के 32 साल के चंदन पासवान और वाराणसी के शिवपुर मोहल्ले के 30 साल के चंदन के रूप में ही हुई है. ख़बरों के मुताबिक़, दोनों सफाईकर्मियों को मेनहोल में उतरने के लिए सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं कराए गए थे. लगभग दस घंटे तक मेनहोल में डूबे रहे दोनों मृतकों के शव पुलिस और एनडीआरएफ की टीम ने बड़ी मशक्कत के बाद निकाले.
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में सफाईकर्मियों की मौतों की घटनाएं नयी नहीं हैं. नवंबर 2018 में भी दो सफाईकर्मियों की जान दीनापुर सीवेज प्लांट के पंपिंग स्टेशन में काम करने के दौरान चली गई थी.
बीते सालों में आम बजट में भी नरेंद्र मोदी सरकार ने सफाईकर्मियों की स्थिति सुधारने के कोई प्रयास नहीं किए हैं. पिछले साल के बजट में सफाईकर्मियों के पुनर्वास लिए महज 70 करोड़ रखा गया था. जिसे इस साल मजाक की हद तक घटाकर सिर्फ 30 करोड़ कर दिया गया है.