जीडीपी वृद्धि दर पांच फीसदी होना ‘आर्थिक आपातकाल’ की चेतावनी: किरण मजूमदार शॉ


5 percent GDP growth illustrates economic emergency said kiran mazumdar shaw

 

उद्योगपति  किरण मजूमदार शॉ ने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर घटकर पांच फीसदी पर आना सरकार के लिए आर्थिक आपातकाल की चेतावनी है. मजूमदार ने कहा कि ‘ये सरकार के लिए चेतावनी है कि अब उसे अधिक व्यापक स्तर पर तेजी से काम करने की जरूरत है.’

बैंगलोर में इंडियन इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2019 नाम से आयोजित एक कार्यक्रम में किरण ने कहा, ‘किसी ने भी उम्मीद नहीं की थी कि जीडीपी इनता नीचे जाएगी.’ उन्होंने कहा कि सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर प्रमुखता से कार्य करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, ‘अगर ये सरकार के लिए आर्थिक आपातकाल का सूचक नहीं है तो क्या है. अर्थव्यवस्था ना केवल सुस्ती की ओर बढ़ रही है बल्कि स्थितियां काफी चिंताजनक होती जा रही हैं.’

बायोकॉन के दक्षिणी मुख्यालय की प्रमुख शॉ ने कहा, ‘आर्थिक विकास के आंकड़े साफ तौर पर उपभोग में कमी को दर्शाते हैं. अब तक सरकार अर्थव्यवस्था को एक बार फिर पटरी पर लाने को लेकर आश्वसत थी लेकिन अब मंदी की खबरों को नकार नहीं सकती है. इस समस्या पर ध्यान के देने की जरूरत है. ‘

उन्होंने ऑटो और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र पर 28 फिसदी जीएसटी के नकारात्मक प्रभावों पर रोशनी डालते हुए कहा कि इससे क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है और इसका प्रभाव अब नौकरियों पर भी देखा जा सकता है.

शॉ ने कहा, ‘सरकार इन क्षेत्र पर जीएसटी कम करके मांग को बढ़ावा दे सकती है. ऐसे में अगर दाम कम होते हैं तो अधिक से अधिक लोग खरीदारी करेंगे तो सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा.’

सार्वजनिक बैंकों के विलय पर सरकार के फैसला का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को उपभोक्ता विश्वास को बढ़ावा देने और निवेश पर ध्यान केंद्रीत करने की जरूरत है.

उन्होंने दूसरी तिमाही में भी मंदी की आशंका जताई है.

शॉ ने कहा, ‘इस वित्त वर्ष के अंत तक हमने तीन ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है. मुझे नहीं पता इतनी कम जीडीपी के साथ हम ये काम कैसे करेंगे.’


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