पूर्व पुलिस महानिदेशकों ने प्रज्ञा ठाकुर के बयान की कड़ी निंदा की
आठ पूर्व पुलिस महानिदेशकों ने हेमंत करकरे पर प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बयान की कड़ी निंदा की है. प्रज्ञा को इससे पहले अपने दो विवादित बयानों के लिए चुनाव आयोग की ओर से नोटिस भी जारी किया गया है.
प्रज्ञा ने 21 अप्रैल को दिए अपने बयान में कहा था कि उनके शाप से ही महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते के पूर्व प्रमुख हेमंत करकरे की मौत हुई.
लेकिन बाद में वो अपने बयान से पलट गईं और खुद को बयान से अलग कर लिया. वहीं प्रज्ञा के बयान के बाद बैकफुट पर आई बीजेपी ने डैमज कंट्रोल करते हुए उनके बयान को निजी करार दिया था.
अधिकारियों ने कहा कि जिन लोगों ने देश की खातिर अपनी जान कुर्बान की, उनका सम्मान किया जाना चाहिए.
एक बयान में इन पूर्व पुलिस महानिदेशकों ने कहा कि देश को करकरे के प्रति आभारी होना चाहिए जिन्होंने महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते की अगुवाई की और जो 26/11 के मुंबई हमले में शहीद हो गए थे.
बयान में कहा गया है, “प्रज्ञा ठाकुर के निंदनीय और अफसोसजनक बयान से बस इस बात की जरुरत प्रमुखता से उठती है कि देश की आजादी के बाद से देश के विभिन्न हिस्सों से जिन 35000 पुलिसकर्मियों ने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है, उनके बलिदान का सार्वजनिक रूप से सम्मान किया जाए.”
साथ ही कल दिए एक और विवादास्पद बयान में उन्होंने कहा था कि “मैंने ही ढांचा (अयोध्या) गिराया था. अब मैं वहां जाऊंगी और राम मंदिर निर्माण में मदद करूंगी. हमें ऐसा करने से कोई नहीं रोक सकता है. राम राष्ट्र है और राष्ट्र राम है.”
जिन अधिकारियों ने बयान पर हस्ताक्षर किए हैं वे पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक जूलियो रिबेरियो, उत्तर प्रदेश और असम के पूर्व पुलिस महानिदेशक और बीएसफ के पूर्व प्रमुख प्रकाश सिंह, केरल के पूर्व पुलिस महानिदेशक पी के एच ठाकरान और जैकब पुन्नूसे, राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (हैदराबाद) के पूर्व महानिदेशक कमल कुमार, महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक संजीव दयाल, असम के पूर्व पुलिस महानिदेशक और एनएसजी के पूर्व डीजी जयंतो चौधरी और मेघालय के पूर्व एन रामचंद्रन हैं.
इन पूर्व पुलिस अधिकारियों ने कहा कि भोपाल की भाजपा प्रत्याशी ने करकरे के बारे में कुछ दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणी की.