ओडिशा में फोनी से करीब 12000 करोड़ रुपये का नुकसान
ओडिशा सरकार ने भीषण तूफान फोनी से राज्य को करीब 12000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का आकलन किया है. साथ ही उसने आपदा सहायता मानदंडों में ढील देने की मांग की है.
इस तूफान के कारण राज्य में कम से कम 64 लोगों की मौत हुई है और पांच लाख से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं.
चक्रवात से तबाह क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर पुनर्बहाली कार्य शुरू कर चुकी राज्य सरकार ने राज्य के दौरे पर आयी अंतर-मंत्रालयी टीम को एक प्राथमिक रिपोर्ट सौंपकर कहा कि प्रारंभिक आकलन है कि 12000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
रिपोर्ट के अनुसार 5,175 करोड़ रुपये की सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान हुआ है जबकि राहत एवं बचाव अभियान पर 6,767.56 करोड़ रुपये का खर्च होने का अनुमान है.
विशेष राहत आयुक्त बीपी सेठी ने कहा, “हमने केंद्रीय दल को अंतरिम नुकसान का आंकड़ा सौंपा है. यह राशि बढ़ सकती है क्योंकि अधिकारी चक्रवात से हुए वास्तविक नुकसान का आकलन करने के लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण करेंगे. सरकार विस्तृत सर्वेक्षण के पूरा होने पर नुकसान पर एक पूरी रिपोर्ट तैयार करेगी.”
प्राथमिक रिपोर्ट में सरकार ने बिजली के क्षेत्र में सर्वाधिक 1160 करोड़ रुपये का नुकसान का अनुमान लगाया है जबकि पंचायती राज एवं पेयजल विभाग में 587 करोड़ रूपये का नुकसान पहुंचा.
केंद्रीय दल के साथ बैठक के बाद मुख्य सचिव एपी पाधी ने कहा, “प्राथमिक रिपोर्ट में दिखाया गया अनुमान फाइनल नहीं है. जब हम विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेंगे तब यह बढ़ेगा.”
पाधी ने कहा, “हमने केंद्रीय दल से एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के नियमों पर पुनर्विचार करने की अपील की है ताकि बिजली क्षेत्र में हुई क्षति की भरपाई हो सके.”
केंद्रीय दल के अगुवा केंद्रीय गृह मंत्रालय में अवर सचिव विवेक भारद्वाज ने कहा, “मकानों, होटलों, प्रभावित लोगों की आजीविका को बड़ा नुकसान हुआ है. पुरी पर चक्रवात की बड़ी मार पड़ी है.”
उन्होंने कहा, “विध्वंस की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए (कहा जा सकता है कि) प्रभावित लोगों को राहत एवं अन्य सहायता प्रदान करने में ओडिशा सरकार का प्रयास सराहनीय है.”
ग्यारह सदस्यीय केंद्रीय दल सबसे अधिक प्रभावित पुरी, खुर्दा और कटक जिलों में गया. इसके अलावा उसने भुवनेश्वर नगर निगम क्षेत्र का भी दौरा किया.