कश्मीर पर ट्रंप की हामी के बावजूद अमेरिकी प्रशासन ने जताई चिंता


curfew like situation reimposed in kashmir due to muharram

 

प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के बीच तीन दिन पहले फ्रांस में जम्मू-कश्मीर मसले पर हुई चर्चा के बाद अब अमेरिकी अधिकारियों ने एक बार फिर घाटी में संचार सुविधाओं पर प्रतिबंध और नेताओं को हिरासत में रखे जाने पर चिंता जाहिर की है.

बैठक के दौरान ट्रंप ने कहा था कि उनका मानना है कि कश्मीर में स्थितियां सामान्य हैं. साथ ही उन्होंने कहा, भारत और पाकिस्तान मसले का समाधान द्विपक्षीय वर्ता से कर सकते हैं.

द हिंदू की खबर के मुताबिक बीते कुछ दिनों से यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राष्ट्र समेत अलग-अलग दूतावासों के वरिष्ठ राजनयिक विदेश मंत्रालय में अधिकारियों से मिल रहे हैं. जानकारी के मुताबिक दूतावासों ने मंत्रालय से कहा है कि वो कश्मीर में स्थितियों पर करीबी नजर बनाए हुए हैं.

इस बीच अमेरिकी गृह विभाग के प्रवक्ता ने कहा, “इलाके से संचार सुविधाओं और लोगों पर जारी प्रतिबंध पर आ रही रिपोर्ट्स को लेकर हम चिंतित हैं. इसके अलावा लोगों को हिरासत में लिए जाने पर आ रही खबरों के लेकर भी हम चिंतित हैं. हम मानव अधिकार का सम्मान, कानूनी प्रक्रिया का पालन और जो प्रभावित हुए हैं उनसे संवाद स्थापित करने की अपील करते हैं. हम जम्मू-कश्मीर पर प्रधानमंत्री के हालिया बयान का स्वागत करते हैं कि राज्य में जल्द ही स्थितियां सामान्य हो जाएंगी.”

“हम सभी पक्षों से एलओसी पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील करते हैं. साथ ही हम सीमा पार आतंकवाद को रोकने की भी अपील करते हैं. हम कश्मीर समेत अन्य मुद्दों पर भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे संवाद का समर्थन करते हैं.”

अमेरिकी गृह विभाग का ये बयान ह्यूमन राइट वॉच (एचआरडब्ल्यू) के बयान के ठीक एक दिन बाद आया है. एचआरडब्ल्यू ने अपने बयान में टेलीफोन और इंटरनेट सुविधाओं पर प्रतिबंध हटाए जाने की मांग की है. बयान में कहा गया है कि प्रतिबंध से इलाके के लोग प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो रहे हैं.

हालांकि सरकार की ओर से लगातार कहा जा रहा है कि राज्य में हिंसा पर नियंत्रण रखने और आंतकी गतिविधियों को रोकने के लिए प्रतिबंध आवश्यक हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, “कुछ अंतरराष्ट्रीय संस्थान हमें बताने की कोशिश कर रही हैं कि हमें हमारा काम कैसे करना चाहिए. हम इस तरह के अप्रमाणित बयानों को पूरी तरह खारिज करते हैं.”

कुमार ने पत्रकारों से कहा, “राज्य सरकार जिम्मेदारी और संयम के साथ अपना काम कर रही है. अब तक किसी भी व्यक्ति की जान नहीं गई है और ना ही गोलियां चलाई गई हैं. हम उम्मीद करते हैं कि राज्य में स्थितियां जल्द सामान्य होंगी.”

वहीं एक अधिकारी ने जानकारी दी कि घाटी में पथराव की घटनाएं बढ़ गई हैं और पथराव की 80 फीसदी से अधिक घटनाएं श्रीनगर और आस-पास के इलाकों में हो रही हैं.


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