फ्रांस में ‘येलो वेस्ट’ आंदोलन के बाद ‘ब्लैक वेस्ट’ आंदोलन
बड़े पैमाने पर ‘येलो वेस्ट’ आंदोलन के बाद फ्रांस में ‘ब्लैक वेस्ट’ नाम का एक नया आंदोलन सामने आया है. ये आंदोलनकारी मूल रूप से पश्चिमी अफ्रीका से संबंध रखने वाले प्रवासी लोग हैं और फ्रांस में रहने का अधिकार चाहते हैं.
हाथों में कागज लेकर हवा में लहराते और नारे लगाते हुए ये लोग शुक्रवार को करीब 11 बजे ये पेरिस के पैन्थियोन परिसर के आस-पास एकत्र हो गए. ये प्रदर्शनकारी खुद को ब्लैक वेस्ट कह रहे थे और प्रवासी स्टेटस के मुद्दे पर फ्रांस के प्रधानमंत्री एडवर्ड फिलिप से बात करने की मांग कर रहे थे.
आंदोलनकारियों के पहुंचने के बाद पैन्थियोन परिसर से पर्यटकों को निकाल लिया गया. पैन्थियोन पेरिस में स्थित एक इमारत है, जहां फ्रांस की मशहूर हस्तियों को दफनाया गया है.
प्रारम्भिक स्तर पर इसका निर्माण एक चर्च के तौर पर किया गया था. बाद में जिसका उपयोग में कब्रगाह के रूप में किया जाने लगा.
आंदोलनकारियों की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में उन्होंने खुद को ‘बिना कागजात’, ‘बिना आवाज’ और ‘’बिना चेहरे का फ्रांसीसी बताया.
उन्होंने कहा, “हम आंतरिक मंत्री और उनके अधिकारियों से बातचीत नहीं करना चाहते, हम प्रधानमंत्री से बात करना चाहते हैं.”
रॉयटर ने फ्रांस पुलिस के प्रवक्ता के हवाले से लिखा है कि पार्क में करीब 200-300 प्रवासियों ने आंदोलन किया. जिनमें 37 को गिफ्तार किया गया है.
उधर सामाजिक कार्यकर्ताओं के समूहों ने बताया कि इस आंदोलन में कम कम 700 लोग शामिल थे.
ये आंदोलनकारी पेरिस शहर के बीचो-बीच स्थित पैन्थियोन में कई घंटों तक मौजूद रहे, इसके बाद पुलिस ने इन्हें बलपूर्वक यहां से बाहर कर दिया.
पैन्थियोन में एमील जोला, विक्टर ह्यूगो, अलेक्सेंडर डुमास और मशहूर वैज्ञानिक मैरी क्यूरी का पार्थिव शरीर दफनाया गया है.
प्रधानमंत्री फिलिप ने ट्विटर से जानकारी दी कि इमारत परिसर को खाली करा लिया गया है. उन्होंने कहा, “फ्रांस कानून से शासित देश है… सार्वजनिक स्मारकों की इज्जत करनी चाहिए और उनकी भी इज्जत करनी चाहिए जिनका ये प्रतिनिधित्व करते हैं.”
इससे पहले शुक्रवार को जारी तस्वीरों में दर्जनों दंगा विरोधी पुलिसकर्मियों को पार्क में जाने से रोकने के लिए अवरोध लगाते देखा गया.