कृषि क्षेत्र के प्रतिनिधि बजट में चाहते हैं विशेष प्रावधान


agriculture sector need some special provisions in budget

 

भारत में कृषि क्षेत्र संकट के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में किसान और उनके पैरोकार, सरकार से मदद की तलाश में हैं. इसके लिए आगामी बजट में वे किसानों को संकट से उबारने के लिए विशेष प्रावधान चाहते हैं. इसी क्रम में कृषि और ग्रामीण विकास क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को कुछ सलाह दी हैं.

इस दौरान इन लोगों ने वित्त मंत्री को सलाह दी कि इस बार के बजट में कृषि स्टार्ट-अप को प्रोत्साहन, सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ाना, किसानों की आय बढ़ाने के लिए सौर ऊर्जा का प्रयोग और खेती से अलग नौकरियों की व्यवस्था जैसे उपाय किए जाने चाहिए.

इन प्रतिनिधियों के मुताबिक इस तरह के कदम उठाने से कृषि क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा.

इसके अलावा मिट्टी में कार्बन का संयोजन ठीक करने के लिए जैविक खादों का प्रयोग, मत्स्य पालन, पूर्वी राज्यों में डेरी विकास, खाद्य उत्पादों पर जीएसटी घटाना, सीमावर्ती क्षेत्रों में कृषि प्रसंस्करण इकाइयों को प्रोत्साहन देना और कृषि क्षेत्र में शोध और विकास को बढ़ावा देने के लिए निवेश करना आदि मांगे शामिल हैं.

भारत कृषक समाज के अध्यक्ष अजय वीर जाखड़ कहते हैं कि सरकार को पीएम किसान योजना का विस्तार गैर कृषि धारक किसान जैसे कृषि श्रमिकों तक भी करना चाहिए.

अजय कहते हैं, “मैंने सलाह दी है कि हमें कृषि शोध क्षेत्र में खाली 50 फीसदी रिक्तियों को भरना होगा. इसके अलावा केंद्र प्रायोजित योजनाओं में केंद्र को अपनी हिस्सेदारी बढ़ानी होगी. उदाहरण के लिए किसान तकनीकी प्रबंधन एजेंसी और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना ‘रफ्तार’ में लागत का अनुपात 90:10 का होना चाहिए.”

भारतीय उद्योग परिसंघ ने सरकार से मांग की है कि खाद्य प्रसंस्करण और ग्रामीण स्टार्ट-अप में निजी निवेश को बढ़ावा दिया जाए.

परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने सरकार को सलाह दी है कि अपनी छतों पर सोलर लगाने वाले किसानों को सब्सिडी दी जानी चाहिए. इससे ये अपने खेतों के लिए बिजली पैदा कर सकेंगे और बची हुई बिजली को बेच कर लाभ कमा सकते हैं.

बनर्जी ने सरकार को कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए निवेशकों को टैक्स पर छूट देने का प्रावधान लागू करने की सलाह भी दी है.

उधर वित्त मंत्री ने भी कृषि क्षेत्र के संकट को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने इसके लिए बजट में ग्रामीण क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक ढ़ांचे के विकास से संबंधित उपाय पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही है.

वित्त मंत्री ने कहा कि मंत्रालय मत्स्य क्षेत्र में नीली क्रांति के लिए हितधारकों से सलाह ले रहा है. इसके लिए हम अपने समुद्री संसाधनों को बेहतर इस्तेमाल करेंगे.

अंतरराष्ट्रीय जल प्रबंधन संस्थान से संबद्ध तुषार शाह ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के विस्तार की सलाह दी है. उन्होंने कहा है कि देश के 112 सबसे सिंचाई वंचित क्षेत्रों के किसानों को सोलर पंप उपलब्ध कराने चाहिए.


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