ऑल इंडिया किसान सभा ने बजट को किसान विरोधी बताया


AIKS termed Budget as Anti Farmer

 

ऑल इंडिया किसान सभा ने आम बजट को किसानों, कृषि मजदूरों, बटाईदारों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले गरीबों के साथ धोखा बताया है. इस संबंध में संगठन ने एक स्टेटमेंट जारी किया है.

ऑल इंडिया किसान सभा ने कहा है कि केंद्र सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करती रहती है लेकिन उसके द्वारा पेश किया गया बजट किसान विरोधी है. संगठन ने कहा है कि आम बजट में कृषि क्षेत्र के खर्च में भारी कटौती की गई है.

संगठन ने कहा है कि सरकार ने पिछले बजट में पीएम किसान योजना की घोषणा की थी और तब इसके लिए 75,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था. हालांकि, इस बार इस योजना के लिए करीब 21,000 करोड़ रुपये की कटौती कर दी गई है. सरकार ने इस योजना का प्रयोग आम चुनाव से पहले किसानों को पैसे बांटने के लिए किया था.

संगठन ने कहा है कि पीएम किसान योजना के तहत 14.5 करोड़ किसानों को हर साल किस्तों में 6 हजार रुपये दिए जाने थे लेकिन सिर्फ 26 प्रतिशत किसनों को ही ये तीन किश्तें मिली हैं.

ऑल इंडिया किसान सभा ने कहा है कि आम बजट में कृषि मंत्रालय के हर क्षेत्र में बजट की कमी की गई है. कृषि और किसान वेलफेयर फंड को घटा दिया गया है. इसके साथ ही कीटनाशक सब्सिडी में भारी कटौती की गई है. इससे किसानों की लागत में बढ़ोतरी होगी और उसकी आमदनी घटेगी.

संगठन ने कहा है कि वित्त मंत्री द्वारा खेती की हालत सुधारने के लिए जिस परंपरागत कृषि विकास योजना की घोषणा की गई है वो और कुछ नहीं बल्कि सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र से अपने हाथ खींच लेना है. इसके साथ ही मनरेगा में भी 10 हजार करोड़ रुपये की कटौती की गई है.

संगठन ने सरकार द्वारा फूड सब्सिडी में भी कटौती करने का आरोप लगाया है. संगठन ने कहा है कि इस बजट में फूड सब्सिडी में 41 प्रतिशत की कटौती की गई है. संगठन ने इस ‘किसान विरोधी’ बजट के लिए केंद्र सरकार की निंदा की है.


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