समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले में सभी आरोपी बरी
समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है. ये फैसला पंचकुला स्थित एनआईए की विशेष अदालत ने सुनाया. इस मामले में मुख्य आरोपी असीमानंद समेत लोकेश शर्मा, कमल चौहान, और राजेंद्र चौधरी को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.
इससे पहले इस मामले में एक पाकिस्तान मूल की महिला ने एक याचिका दायर कर अहम सबूत होने की बात कही थी. जिसके चलते अदालत ने अपना फैसला टाल दिया था.
राहिला एल वकील नाम की इस महिला ने अपने वकील के माध्यम से इस मामले में याचिका दायर की थी. मामले की अंतिम बहस छह मार्च को पूरी हो गई थी और 11 मार्च को फैसला सुनाया जाना था.
पानीपत के निकट 18 फरवरी, 2007 को समझौता एक्सप्रेस के दो डिब्बों में हुए विस्फोटों हुआ था. इस विस्फोट में 68 लोग मारे गए थे. मारे गए लोगों में ज्यादातर पाकिस्तानी नागरिक थे.
समझौता एक्सप्रेस हफ्ते में दो बार दिल्ली से लाहौर और अटारी के बीच चलती है. इसे अटारी एक्सप्रेस के नाम से भी जाना जाता है.
एनआईए ने अपने आरोप पत्र में आठ लोगों के नाम आरोपियों के रूप में लिए थे.
इनमें नबा कुमार सरकार उर्फ स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंदर चौधरी अदालत में पेश हुए थे. इस हमले के कथित षडयंत्रकर्ता सुनील जोशी की दिसंबर 2007 में मौत हो गई थी.
तीन अन्य आरोपी रामचंद्र कलसांगरा, संदीप डांगे और अमित को भगोड़ा घोषित किया जा चुका है.