नागरिकता कानून के खिलाफ लखनऊ में हिंसक प्रदर्शनों के बीच एक की मौत
लखनऊ में नागरिकता विरोधी प्रदर्शनों में घायल एक व्यक्ति की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. व्यक्ति का नाम मोहम्मद वकील है और प्रदर्शन के दौरान उसके पेट में कथित तौर पर पुलिस की गोली लगी थी. शख्श पुराने लखनऊ के हुसैनगंज में रहता था. लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के ट्रामा सेन्टर में तीन अन्य लोगों का इलाज चल रहा है.
वहीं व्यक्ति की मौत पर उत्तर प्रदेश को डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि पुलिस की तरफ से कोई गोलीबारी नहीं हुई. मुझे नहीं पता कि मौत कैसे हुई. मुझे नहीं लगता कि मौत का संबंध किसी भी तरह से पुलिस की कार्रवाई से है.
उत्तर प्रदेश पुलिस का कहना है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शहर में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद स्थिति अब काबू में है.
पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने बताया कि स्थिति काबू में है और घबराने की कोई बात नहीं है. जिन लोगों ने उपद्रव किया, उन्हें चिह्नित किया जा रहा है.
लखनऊ के मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने कहा, ”वीडियोग्राफी के जरिए जो लोग चिह्नित होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जिन लोगों ने नुकसान किया है, उसकी भरपाई उनसे कराई जाएगी.”
इससे पहले लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए. प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर पुलिस के वाहनों और दूसरे वाहनों में आग लगाई. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े.