छत्तीसगढ़ सरकार ने बढ़ाया कल्याणकारी योजनाओं का दायरा


baghel requests PM to extend benefits of PM Kisan to tribals forest-dwellers in chhattisgarh

 

लोकसभा चुनावों के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने पहली कैबिनेट मीटिंग में बड़े फैसले करते हुए कल्याणकारी योजनाओं का दायरा बढ़ाया है. सरकार ने सार्वजनिक खाद्य वितरण प्रणाली और शिक्षा का अधिकार के तहत लाभार्थियों का दायर बढ़ाने का फैसला किया है.

इसके साथ ही मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ वन अधिकार अधिनियम के पट्टाधारकों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान नीधि योजना में शामिल करने का अनुरोध किया है.

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में खाद्यान्न सुरक्षा प्रदान करने के लिए राज्य के सभी 65 लाख परिवारों को राशन कार्ड उपलब्ध कराने का फैसला किया है.

राज्य के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया, “मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला किया गया कि खाद्यान्न सुरक्षा प्रदान करने की दृष्टि से राज्य के सभी 65 लाख परिवारों को राशन कार्ड से लाभान्वित किया जाएगा. फिलहाल 58 लाख परिवारों के पास राशन कार्ड है. अब आयकर दाताओं के भी राशन कार्ड बनेंगे. सात लाख नए परिवारों समेत सभी 65 लाख परिवारों के लिए नए राशन कार्ड बनाए जाएंगे.”

उन्होंने बताया कि सामान्य श्रेणी के कार्डों को दो समूहों में बांटा जाएगा- सामान्य श्रेणी (आयकरदाता) और सामान्य श्रेणी (गैर आयकरदाता) का राशन कार्ड पात्रता अनुसार जारी किया जाएगा. सामान्य श्रेणी (आयकरदाता) और सामान्य श्रेणी (गैर आयकरदाता) के लिए चावल की दर 10 रूपए प्रतिकिलो निर्धारित की गई है. जबकि मौजूद लाभार्थी और बीपीएल परिवारों को एक रुपये प्रति किलो की दर से चवाल मिलता रहेगा.

नई खाद्य वितरण प्रणाली के तहत राशन कार्ड धारक 10 किलो तक चावल, दो लोगों का परिवार 20 किलो, जबकि 3-5 लोगों का परिवार 35 किलो तक चावल ले सकता है. पांच लोगों से अधिक के परिवार में प्रति व्यक्ति सात किलो चावल और मिलेगा.

कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य शासन ने सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक तथा सार्वजनिक क्षेत्र के व्यवसायिक बैंकों से लिए गए अल्पकालिक कृषि ऋण को माफ किया है. मंत्रिमंडल की बैठक में इससे छूट गए नॉन परफार्मिंग खातों को वन टाइम सेटलमेंट के माध्यम से ऋण माफी का लाभ दिलाने का फैसला किया गया.

इसके तहत 50 प्रतिशत की राशि राज्य सरकार द्वारा देय होगी. इससे करीब 1,175 करोड़ रूपए की ऋण राशि में से आधी राशि शासन द्वारा वहन की जाएगी. इससे भविष्य में इन खाताधारियों को भी कृषि ऋण की सुविधा मिल सकेगी.

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में आज गैर सरकारी स्कूलों के प्रवेश शुल्क संबंधी शिकायतों को दूर करने के लिए समिति का गठन करने का फैसला किया गया.

उन्होंने बताया कि राज्य में शिक्षा के अधिकार के तहत अभी तक केवल कक्षा आठवीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए निःशुल्क शिक्षा एवं पाठ्य पुस्तक की व्यवस्था की जाती है. अब यह सुविधा कक्षा नवमी से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को भी उपलब्ध कराई जाएगी.


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