भीम आर्मी प्रमुख ने गिरफ्तारी की खबरों को झूठा बताया
दिल्ली पुलिस ने भीम आर्मी को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च निकालने की अनुमति नहीं दी. भीम आर्मी ने अपने प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद के नेतृत्व में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ जामा मस्जिद के पास प्रदर्शन मार्च निकाला. हालांकि पुलिस ने आजाद को इस मार्च की अनुमति नहीं दी थी.
हाथों में तिरंगा पकड़े प्रदर्शनकारियों ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ नारेबाजी की.
हालांकि भीम आर्मी के एक समर्थक के ट्वीट से पता चलता है कि भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद अकेले यह मार्च करेंगे. रावण ने इस खबर की पुष्टि की है. दोपहर एक बजे जामा मस्जिद से यह मार्च निकलने वाला है.
इससे पहले कुछ मीडिया में खबर आई थी कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. लेकिन आजाद ने गिरफ्तारी की खबरों का खंडन किया है.
मार्च में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों के भाग लेने की संभावना थी.
लाल किले के निकट 19 दिसंबर से ही सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू है यानी वहां चार या इससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध है.
इससे पहले 17 दिसंबर को अपने ट्वीट में आजाद ने 20 दिसंबर को तीन बजे से सीएए और एनआरसी के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना पर बैठने का एलान किया था.
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों में निषेधाज्ञा आदेशों का उल्लंघन कर शामिल होने के कारण लाल किले और मंडी हाउस के पास से विपक्ष के नेताओं डी राजा, सीताराम येचुरी, नीलोत्पल बसु, वृंदा करात, अजय माकन, संदीप दीक्षित और कार्यकर्ताओं योगेंद्र यादव, उमर खालिद समेत 1200 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया था.