बीजेपी विधायक ओपी शर्मा को आचार संहिता उल्लंघन पर नोटिस
निर्वाचन आयोग ने बीजेपी विधायक ओम प्रकाश शर्मा को विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के राजनीतिक पोस्टर वाली एक पोस्ट फेसबुक पर साझा करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
इससे पहले कल आयोग ने फेसबुक से यह पोस्ट हटाने को कहा था.
आम चुनाव के मद्देनजर 10 मार्च से देश में आदर्श आचार संहिता लागू है. आयोग के इस आदेश को आचार संहिता के उल्लंघन का पहला मामला माना जा सकता है.
चुनाव आयोग को यह शिकायत C-Vigil ऐप पर मिली थी.
एक अन्य मामले में जिला चुनाव कार्यालय, जयपुर ने बीजेपी के जयपुर से सांसद रामचरण बोहरा और राजस्थान कांग्रेस के सचिव सुनिल शर्मा को जयपुर के अलग-अलग हिस्सों में वायुसेना के सैन्य अभियानों के साथ अपनी फोटो लगाने के मामले में नोटिस जारी किया है.
आयोग ने तीन दिनों के भीतर दोनों नेताओं से जवाब मांगा है.
C-Vigil ऐप का इस्तेमाल इससे पहले पिछले साल कर्नाटक चुनाव में हुआ था. इसके जरिए नागरिक साक्ष्यों के साथ निर्वाचन आयोग से आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत कर सकते हैं.
आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से पहले ही कहा था कि वे अपने चुनावी प्रचार में सशस्त्र बलों का राजनीतिक इस्तेमाल नहीं करें.
एक मार्च को सोशल मीडिया पर ऐसे बहुत से पोस्टर शेयर किए गए हैं जिनमें विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ नजर आ रहे हैं.
ऐसे ही एक पोस्टर में लिखा है, “मोदी जी द्वारा इतने कम समय में बहादुर अभिनंदन को वापस लाना भारत की बहुत बड़ी कूटनीतिक विजय है”.
नौ मार्च को आयोग ने सभी दलों के अध्यक्ष और महासचिव को चार दिसंबर 2013 के सर्कुलर की याद दिलाते हुए कहा था कि कोई भी दल सशस्त्र बलों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक फायदों के लिए नहीं करेगा.
आयोग ने स्पष्ट कहा था कि किसी राष्ट्र के सशस्त्र बल उसकी सीमावर्ती सुरक्षा और राजनीतिक व्यवस्था के संरक्षक होते हैं और एक आधुनिक लोकतंत्र में उनकी भूमिका तटस्थ होती है. इसलिए यह आवश्यक है कि राजनीतिक दल और नेता अपने राजनीतिक अभियान में सशस्त्र बलों का कोई भी संदर्भ देते समय बड़ी सावधानी बरतें.
आदर्श आचार संहिता के प्रावधान 2013 से सोशल मीडिया पर भी लागू हैं. इससे पहले आयोग ऐसे माध्यमों पर आचार संहिता के उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई करने में सक्षम नहीं था. आयोग के पास सोशल मीडिया साइटों तक पहुंचने के लिए कोई तंत्र नहीं था.
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा है कि यह पहला लोकसभा चुनाव है जब फेसबुक, ट्विटर, गूगल, ह्वाट्स ऐप और शेयरचैट जैसे सोशल मीडिया निर्वाचन आयोग के साथ मिलकर राजनीतिक अभियानों की अखंडता और वैधता को बनाए रखने में सहयोग करने के लिए सहमत हुए हैं.