बजट 2019-20: इनकम टैक्स में छूट की संभावना ना के बराबर


budget unlikely to increase tax exemption limit

 

वित्त वर्ष 2019-20 के पूर्ण बजट में इनकम टैक्स में छूट के लिए तय की गई सीमा रुपये 2.5 लाख सालाना के बढ़ने के आसार नहीं हैं. हालांकि, वित्त मंत्रालय यह घोषणा कर चुका है पांच लाख रुपये सालाना की आय वाले व्यक्तियों को इनकम टैक्स नहीं देना होगा.

वहीं यह भी कहा जा रहा है कि पांच लाख रुपये सालाना आय वाले लोगों को टैक्स रिटर्न भरना पड़ेगा. इसके साथ सैलरी पाने वाले लोग यह आशा कर रहे हैं कि नरेंद्र मोदी को वोट देकर वापस से सत्ता में लाने का फायदा उन्हें मिलेगा. हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि टैक्स छूट रकम में बढ़ोतरी करने से अंतरिम बजट के उद्देश्यों को नुकसान पहुंचेगा.

अधिकारियों का कहना है कि इनकम टैक्स की सीमा बढ़ाने से टैक्स भरने वालों की संख्य़ा घट जाएगी. इससे टैक्स बेस बढ़ाने के लक्ष्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.

बजट से पहले हुई बैठक में टैक्स विशेषज्ञों ने वित्त मंत्री को सलाह दी है कि इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने से टैक्स बेस पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

इस बात की संभावना भी बताई जा रही है कि सरकार टैक्स स्लैब्स में भी बदलाव करेगी. ये बदलाव ऐसा होगा कि 10 लाख रुपये सालाना आय वाले लोगों पर 20 प्रतिशत की जगह केवल 10 प्रतिशत टैक्स लगेगा.

यह भी कहा जा रहा है कि सैलरी पाने वाले लोगों के लिए सरकार की तरफ से कुछ टैक्स बचत के कदम भी उठाए जाएंगे.

वित्त मंत्रालय ना केवल टैक्स बेस बढ़ाना चाहता है बल्कि टैक्स से राजस्व भी बढ़ाना चाहता है ताकि अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए भारी पैमाने पर विनिवेश किया जा सके. इसलिए अगले बजट में सरकार की तरफ से टैक्स में छूट देने के आसार ना के बराबर हैं.


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