केन्द्रीय मंत्री ने मुजफ्फरपुर जिला अस्पताल में व्यवस्था की कमी को स्वीकारा
बिहार में मस्तिष्क ज्वर सहित अन्य अज्ञात बीमारी से अबतक 84 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस दौरान हालात का जायजा लेने मुजफ्फरपुर श्रीकृष्ण सिंह मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने माना है कि मुजफ्फरपुर जिला अस्पताल में व्यवस्था अपर्याप्त है और शिशु रोग विशेषज्ञों के अलावा न्यूरोलोजिस्ट की कमी है.
हिन्दी अखबार दैनिक जागरण के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री के सामने लोगों ने प्रदर्शन भी किया. अखबार के मुताबिक, ” जनाक्रोश तब भड़का, जब स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे एक मरीज के परिजन की गुहार की अनसुनी कर दूसरे वार्ड में जाने लगे.” इस दरम्यान एक व्यक्ति ने अर्धनग्न प्रदर्शन कर विरोध दर्ज किया. पीटीआई के मुताबिक जन अधिकारी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी केन्द्रीय मंत्री के सामने प्रदर्शन किया.
डॉक्टर हर्षवर्धन कहा कि इस समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से राज्य को सभी संभव तकनीक और आर्थिक मदद का आश्वासन दिया.
डॉक्टर हर्षवर्धन ने मेडिकल कालेज का जायजा लेने के बाद पत्रकारों से कहा “मैं इस क्षेत्र के लोगों, विशेष रूप से प्रभावित परिवारों को विश्वास दिलाता हूं कि समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार राज्य सरकार को सभी संभव आर्थिक और तकनीकी सहयोग देगी.”
उन्होंने इस रोग के कारण इस इलाके में पिछले कई वर्षों से हो रही बच्चों की मौत के मद्देनजर मुजफ्फरपुर श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज अस्पताल में बीमार बच्चों के लिए वर्तमान की व्यवस्था को अपर्याप्त मानते हुए कहा कि यहां कम-से-कम सौ बिस्तरों वाला बच्चों का अलग से गहन चिकित्सा कक्ष बनना चाहिए.
हर्षवर्धन ने कहा कि उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को अगले साल तक युद्ध स्तर पर इसे तैयार कर लिए कहा गया है.
उन्होंने कहा कि बिहार में चार-पांच जगहों पर स्टेट आफ दी आर्ट वाईरोलोजी प्रयोगशाला कुछ ही महीनों के पूरा कर लिया जाएगा.
डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा, “इस रोग के इलाज के लिए शिशु रोग विशेषज्ञों के अलावा न्यूरोलोजिस्ट का होना आवश्यक है. इस अस्पताल में निर्माणाधीन सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक का काम अगले छह महीने के भीतर पूरा करने के लिए कहा गया है .”
उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर स्थित भारतीय मौसम विभाग के वेधशाला को उन्नत किया जाएगा ताकि इस रोग का अर्द्रता और तापमान के बढ़ने के साथ संभावित संबंध की जानकारी लोगों को मिल सके.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इंसेफलाइलिस से प्रभावित बच्चों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से शीघ्र ही चार-चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान देने के निर्देश दिए हैं.