चंद्रशेखर को दिल्ली आने की इजाजत मिली, बदली जमानत की शर्तें
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को जमानत की शर्तों में राहत मिल गई है. दिल्ली की अदालत से 16 जनवरी को मिली जमानत में यह शर्त लगाई गई थी कि वो चार हफ्तों तक दिल्ली नहीं आ सकते हैं.
जमानत की इन शर्तों में बदलाव को लेकर उन्होंने बीते शुक्रवार को दिल्ली की अदालत का रुख किया था. अब अदालत ने उन्हें मेडिकल और चुनाव के मद्देनजर दिल्ली आने की इजाजत दे दी है. हालांकि अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि उन्हें दिल्ली आने और दिल्ली में अपने कार्यकर्मों की सूचना डीसीपी को देनी होगी.
आजाद के ऊपर यहां 20 दिसंबर को जामा मस्जिद के पास सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शन में लोगों को भड़काने का आरोप है.
अदालत ने आजाद के दिल्ली में आने पर चार हफ्तों की पाबंदी लगा दी थी और राष्ट्रीय राजधानी में चुनाव होने तक उन्हें धरना प्रदर्शन न करने का आदेश देते हुए कहा था, ‘देश को अराजकता की ओर नहीं ले जाया जा सकता.’
वकील महमूद प्राचा और ओपी भारती द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया है कि आजाद अपराधी नहीं हैं और दावा किया गया कि ये शर्तें गलत एवं अलोकतांत्रिक हैं.
इससे पहले दिल्ली की ही एक अन्य अदालत ने कहा था कि सहारनपुर जाने से पहले अगर आजाद जामा मस्जिद सहित दिल्ली में कहीं जाना चाहते हैं तो पुलिस उनके साथ होगी.
जस्टिस ने कहा था कि विशेष परिस्थितियों के लिए विशेष शर्तें होती हैं।
फैसला सुनाने के वक्त आजाद के वकील ने कहा था कि भीम आर्मी के प्रमुख के जान को उत्तर प्रदेश में खतरा है.
उल्लेखनीय है कि आजाद के संगठन ने पुलिस की अनुमति के बिना संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ 20 दिसंबर को जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च निकालने का आह्वान किया था. इस मामले में गिरफ्तार दूसरे 15 लोगों को अदालत ने नौ जनवरी को जमानत दे दी थी.