छत्तीसगढ़: पारले-जी की फैक्ट्री से 26 बाल मजदूर छुड़ाए गए
छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले की पुलिस ने एक बिस्कुट की फैक्ट्री से 26 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया है.
रायपुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने आज यहां बताया कि जिले के विधानसभा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आमासिविनी गांव में पारले-जी बिस्कुट की निर्माण इकाई में पुलिस, महिला एवं बाल विकास विभाग, श्रम विभाग, शिक्षा विभाग और सामाजिक संगठनों ने संयुक्त रूप से कार्रवाई कर 26 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया. बच्चों को किशोर गृह भेज दिया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि महिला और बाल विकास विभाग के अधिकारियों की शिकायत पर कारखाने के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच जारी है.
उन्होंने बताया कि बच्चों की उम्र 13 से 17 वर्ष के मध्य है. हालांकि उनकी उम्र के बारे में सही जानकारी उनके जन्म प्रमाण पत्र से ही मिल सकेगी.
जिले के बाल संरक्षण अधिकारी नवनीत स्वर्णकार ने बताया कि 12 जून को विश्व बाल श्रम विरोधी दिवस मनाया गया. इस दौरान रायपुर जिले के कलेक्टर के निर्देश पर विभिन्न स्थानों पर काम करने वाले बाल श्रमिकों को बचाने के लिए जिला कार्यबल का गठन किया गया था. जिले में इस विषय पर जागरूकता फैलाने के लिए 10 जून से 15 जून तक अभियान चलाया गया. इस अभियान के दौरान छह दिनों में कारखानों और ढाबों समेत अन्य स्थानों पर काम करने वाले 51 बच्चों को मुक्त कराया गया.
स्वर्णकार ने बताया कि शुक्रवार को पारले-जी के कारखाने से 26 बच्चों को मुक्त कराया गया. ये बच्चे छत्तीसगढ के अलावा पड़ोसी राज्यों झारखंड, उड़ीसा और मध्यप्रदेश के भी हैं.
सभी बच्चों को काउंसिलिंग के लिए बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया गया है. उनके परिजनों से भी संपर्क किया जा रहा है.
बचपन बचाओ आंदोलन के राज्य समन्वयक संदीप कुमार राव ने बताया कि बच्चों से सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक काम कराया जाता था तथा इसके लिए उन्हें प्रतिमाह केवल पांच से सात हजार रुपये दिए जाते थे.