राफेल मुद्दे पर कांग्रेस का चौतरफा हमला, रक्षा मंत्रालय की फाइलों में छिपे हैं घोटाले के राज
राफेल डील मामले में एक बार फिर कांग्रेस केंद्र सरकार पर हमलावर हुई है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद ने अलग-अलग मोर्चों पर सरकार को घेरने की कोशिश की.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकसभा में कहा कि सुप्रीम कोर्ट में केन्द्र सरकार की ओर से गलत शपथ-पत्र दिया गया. उन्होंने मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग करते हुए केन्द्र सरकार पर सुप्रीम कोर्ट और जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया.
वहीं, प्रेस कांफ्रेस में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों और परचेजिंग टीम ने सौदे पर सवाल उठाए, लेकिन नरेन्द्र मोदी ने किसी की नहीं सुनी. राहुल गांधी ने ‘आपत्तियों को नजरअंदाज करके विमान खरीदने’ सहित रक्षा मंत्री से पांच सवाल पूछे हैं.
कांग्रेस ने एक प्रेस कांफ्रेस में राफेल डील को देश का सबसे बड़ा रक्षा घोटाला करार दिया है. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया कि राफेल सौदे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सीधे तौर पर शामिल हैं. प्रेस कांफ्रेंस में मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद रहे.
उन्होंने कहा, “देश को घोटाला का पैसा भरना पड़ा है, यह पैसा देश के तमाम लोगों का है जो टैक्स देते हैं.”
उन्होंने कहा कि घोटाले को दबाने के लिए सरकार और विशेष रूप से प्रधानमंत्री ने कोशिश की है.
उन्होंने आरोप लगाया कि तमाम एजेंसियां रबर स्टाम्प बन गईं हैं, इसलिए वह जेपीसी की मांग कर रहे हैं. उन्होंने जोड़ा कि गलत शपथ-पत्र के आधार पर सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करके सरकार ने क्लीन चिट ली है.
उन्होंने पिछली सरकार की ओर से जेपीसी की जांच के इतिहास को गिनाते हुए कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में भी कई मामलों में जेपीसी की जांच हुई है.
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि रक्षामंत्री और रक्षा मंत्रालय की फाइलों में राफेल घोटाले के राज दफन हैं. रक्षा मंत्रालय की टीम ने सौदे पर सवाल उठाया पर पीएम मोदी ने कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) से उसे पास करवा दिया. उन्होंने पीएम पर बेंचमार्क कीमत 39422 करोड़ से बढ़ाकर 62166 करोड़ करने का आरोप लगाया.
मामले में राहुल गांधी ने कहा कि फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन के आपसी ईमेल से पता चलता है कि केन्द्र सरकार ने दसॉल्ट को अनिल अंबानी की कंपनी को ठेका देने को कहा. उन्होंने कहा, “पीएम मोदी ने 30 हजार करोड़ अनिल अंबानी को दिया.”
राहुल गांधी ने पूछे 5 सवाल
1 क्या कारण है कि अनिल अंबानी को ही कॉन्ट्रैक्ट दिया गया. जबकि आपके पास हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल (एचएएल) जैसे विकल्प थे.
2 रक्षा मंत्रालय को इस डील पर आपत्ति थी. बावजूद इसके यह डील की गई. कांग्रेस अध्यक्ष ने पूछा ऐसा क्या कारण था कि उनकी आपत्तियों को अनदेखा किया गया और 36 राफेल विमानों को खरीद किया गया. अगर आपत्ति थी तो किस तरह की आपत्ति थी और उन आपत्तियों के निस्तारण के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए.
3 सरकार को बताना पड़ेगा कि किन हालातों में 526 करोड़ रुपये की कीमत के विमान 1600 करोड़ रुपये में खरीदे गए.
4 वो कौन सी जानकारी है जिसके बारे में मनोहर परिर्कर को पता है और जिसे जनता के सामने आने से रोका जा रहा है.
5 क्या इस डील में सरकार ने एयरफोर्स की सलाह ली थी.