बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस सबसे मजबूत: तेजस्वी
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि आगामी लोकसभा चुनावों में बीजेपी के खिलाफ विपक्ष की लड़ाई की अगुवाई करने के लिहाज से कांग्रेस सबसे बेहतर स्थिति में है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ‘बड़ा दिल’ दिखाते हुए नेतृत्व की भूमिका निभानी होगी और क्षेत्रीय पार्टियों से भी तालमेल बिठाना होगा.
उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के बीच हुए गठबंधन को तेजस्वी ने सराहते हुए कहा कि गठबंधन के बाद अखिलेश यादव और मायावती के साथ हुई उनकी ‘शिष्टाचार भेंट’ को कांग्रेस पर ‘दबाव बनाने के तरीके’ के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए.
पीटीआई को दिए इंटरव्यू में तेजस्वी ने कहा कि भारत की सबसे पुरानी और मौजूदा समय में पूरे भारत में मौजूदगी के मामले में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते कांग्रेस विपक्षी पार्टियों में अधिकतम सीटें जीतने के लिहाज से बहुत मजबूत स्थिति में है.
आगामी लोकसभा चुनावों के लिए प्रस्तावित महागठबंधन में जिन पार्टियों के शामिल होने की संभावना है, उनमें कांग्रेस को 2014 के लोकसभा चुनावों में महज 44 सीटें मिली थी जबकि ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस को 34, अखिलेश यादव की अगुवाई वाली पार्टी को पांच और राजद को चार सीटें मिली थीं.
तेजस्वी ने कहा, “यदि गठबंधन बनाने में कांग्रेस अहम भूमिका निभाती है या चुनावों में गठबंधन के नेतृत्व की भूमिका संभालती है तो मुझे इसमें कुछ गलत नहीं. लेकिन उन्हें यह भी स्वीकार करना होगा कि हर राज्य की जमीनी सच्चाइयां अलग-अलग हैं.”
तेजस्वी ने कहा कि कांग्रेस देश भर में स्वीकार्य और विपक्षी खेमे में व्यापक मौजूदगी वाली पार्टी है, ऐसे में कांग्रेस बीजेपी या एनडीए के खिलाफ विपक्ष की लड़ाई की अगुवाई करने के लिहाज से सबसे बेहतर स्थिति में है.
तेजस्वी ने कहा, ‘‘जिन राज्यों में कांग्रेस का ठोस आधार नहीं है, वहां उसे क्षेत्रीय पार्टियों को बीजेपी के खिलाफ आगे रहकर मोर्चा संभालने देना होगा.’’
उन्होंने कहा कि वोट ट्रांसफर करने के मामले में क्षेत्रीय पार्टियों की काबिलियत ज्यादा है.
तेजस्वी से सवाल किया गया था कि विपक्षी गठबंधन को मजबूत करने के लिए क्या कांग्रेस को क्षेत्रीय पार्टियों को ज्यादा सीटें देनी होंगी.
उन्होंने कहा कि विजयी गठबंधन बनाने के लिए किसी खास राज्य के हालात को देखते हुए हर पार्टी को दूसरी पार्टी के साथ समझौता करना होगा या उसे जगह देना होगा.