कांग्रेस और वाम दलों ने आम बजट की आलोचना की


Congress and Left parties criticized the general budget

 

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने केंद्रीय बजट की आलोचना करते हुए कहा कि यह न तो देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती में सहायक होगा और न ही सामाजिक सुरक्षा और विकास सुनिश्चित करेगा, बल्कि इससे देश में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ेगी.

विजयन ने कहा कि लोकसभा में केंद्री वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश आम बजट में दक्षिणी राज्य की सभी वैध जरूरतों की अनदेखी की गई है. जबकि राज्य सरकार ने अपनी लंबित चली आ रही मांगों के संबंध में एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा था.

मुख्यमंत्री ने बयान जारी किया कि केरल ने केंद्र के समक्ष अपनी कुछ मांगें रखी थी. इनमें अंगमाली-सबरी रेलवे लाइन, रबड़ पर सब्सिडी बढ़ाने, एम्स को मंजूरी देने, राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास को गति प्रदान करने, खाड़ी देशों के दूतावासों में अनुलग्नकों की संख्या में वृद्धि करने, निर्वासित किए गए लोगों के पुनर्वास समेत अन्य मांगें शामिल थीं.

वाम नेता ने कहा कि हाल के समय में राज्य में आई सबसे भीषण बाढ़ के बावजूद पिछले महीने केरल को प्राकृतिक आपदा राहत देने से इंकार कर दिया गया.

बजट में भी केरल को लेकर यही ‘राजनीतिक माइंडसेट’ परिलक्षित हुआ है.

प्रदेश के वित्त मंत्री टी एम थामस ने भी आम बजट की आलोचना की.

दूसरी ओर केरल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने आरोप लगाया कि बजट में गरीबों और सामान्य लोगों की पूरी तरह से अनदेखी की गई है जबकि इसमें कॉरपोरेट जगत के हितों की रक्षा की गई है.

वहीं सीपीआई के महासचिव डी राजा ने बयान जारी किया है कि सरकार अपने सभी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ चुकी है और बड़े पैमाने पर घरेलू निजी और विदेशी निवेशकों को फायदा पहुंचाने के लिए काम कर रही है. यह निजीकरण को बढ़ावा देने वाला बजट है और रेलवे, स्वास्थ्य और इंफरास्ट्रक्चर के क्षेत्र में पीपीपी मॉडल की मदद से निजीकरण के लिए सब कुछ किया जा रहा है.

उन्होंने कहा है कि मौजूदा बजट पूरी तरह से कॉरपोरेट को लाभ पहुंचाने वाला, गरीब विरोधी और किसान विरोधी है.


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