उत्तर प्रदेश: गो कल्याण के लिए देना होगा टैक्स
अब उत्तर प्रदेश के लोगों से गाय के नाम पर अलग से टैक्स की वसूली की जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में एक जनवरी को मंत्रिपरिषद की बैठक में गो कल्याण उपकर लगाने को मंजूरी दी गई. बैठक के बाद ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों में अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल चलाने का रास्ता साफ हो गया है.
अब गोवंश आश्रय स्थल चलाने के लिए मंडी टैक्स पर अतिरिक्त दो फीसदी टैक्स वसूला जाएगा. इसके साथ ही टोल टैक्स में 0.5 फीसदी गो कल्याण उपकर(सेस) लगाई जाएगी.
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि गोवंशीय पशुओं के अस्थायी आश्रय स्थलों की स्थापना और संचालन के लिए मंडी शुल्क से प्राप्त आय का दो फीसदी, प्रदेश के लाभकारी उद्यमों एवं निर्माणदायी संस्थाओं के लाभ का 0.5 प्रतिशत और टोल टैक्स में 0.5 प्रतिशत अतिरिक्त राशि गो कल्याण उपकर (सेस) के रूप में ली जाएगी.
प्रवक्ता ने कहा, ”प्रदेश के सभी ग्रामीण एवं शहरी निकायों (ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम) में अस्थायी गोवंश आश्रय स्थलों की स्थापना एवं संचालन नीति को स्वीकृति प्रदान की गयी है.”
उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने तय किया है कि अब प्रदेश में कर्तव्य पालन के दौरान घटित दुर्घटना में पुलिस और अग्निशमन सेवा के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अपंग होने पर उन्हें अनुग्रह आर्थिक सहायता दी जाएगी. पहले दुर्घटना में मृत्यु होने पर आश्रितों को यह सहायता प्रदान की जाती थी.
प्रवक्ता ने कहा कि कर्तव्य पालन के दौरान दुर्घटना में अपंग होने वाले पुलिस और अग्निशमन सेवा के अधिकारियों और कर्मचारियों को 50 से 69 प्रतिशत विकलांगता पर 10 लाख रुपए, 70 से 79 प्रतिशत विकलांगता पर 15 लाख रुपए और 80 प्रतिशत से अधिक विकलांगता पर 20 लाख रुपए अनुग्रह आर्थिक सहायता दी जाएगी.