विधायकों का समर्थन पाने के लिए सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल हो रहा है: शिवसेना
महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर बने गतिरोध के बीच वरिष्ठ शिवसेना नेता संजय राउत ने आरोप लगाया है कि समर्थन करने के लिए नव-निर्वाचित विधायकों को मजबूर करने की खातिर आपराधिक तत्वों और सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
राउत ने यह भी कहा कि दोनों पार्टियों (भाजपा और शिवसेना) के बीच बातचीत सिर्फ मुख्यमंत्री पद के लिए होगी और अगर ऐसा नहीं होता तो ”हमारे पास शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा.”
उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी को 170 से अधिक विधायकों का समर्थन मिलेगा.
राउत ने 24 अक्टूबर को राज्य विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की चुप्पी को ”रहस्यमय” करार दिया.
उन्होंने मुंबई में संवाददाताओं से कहा कि वह जल्द ही खुलासा करेंगे कि विधायकों को मजबूर करने के लिए किस तरह आपराधिक तत्वों और सरकारी एजेंसियों का साधन के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.
राज्यसभा सदस्य ने कहा, ”मुझे जानकारी मिली है कि शपथग्रहण के लिए गेस्ट हाउस, वानखेड़े स्टेडियम, महालक्ष्मी रेसकोर्स बुक किया गया है. लेकिन भाजपा ने अभी तक सरकार बनाने का दावा क्यों नहीं किया है?”
उन्होंने कहा कि शिवसेना के एक मुख्यमंत्री मुंबई के दादर क्षेत्र में शिवाजी पार्क में शपथ लेंगे और दावा किया कि उनकी पार्टी को 170 से अधिक विधायकों का समर्थन मिलेगा.
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार गठन का ‘रिमोट कंट्रोल’ अब उनकी पार्टी के पास है, राउत ने कहा, ”यह कोई खेल नहीं है, बल्कि शिवसेना के लिए विश्वास, आत्म-सम्मान और सच्चाई का मामला है.”
उन्होंने कहा, ”महाराष्ट्र ने कभी भी झूठ को बर्दाश्त नहीं किया है. यदि आप स्वीकार नहीं करते हैं कि क्या तय हुआ था तो लोग आपको सबक सिखाएंगे. बाधा उन लोगों से है जो झूठ बोलते हैं.”
राउत ने कहा कि अगर भाजपा अध्यक्ष और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे बैठते हैं तथा इस पर चर्चा करते हैं तो गतिरोध का हल किया जा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ”अमित शाह की चुप्पी रहस्यमय है.”
राउत ने कहा, ”वह (शाह) स्पष्टवादी नेता हैं. वह स्वीकार करते हैं कि क्या तय किया गया है. लेकिन महाराष्ट्र नतीजों के बाद उन्होंने राज्य की ओर ध्यान नहीं दिया है.”
इस बीच, भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं राज्य में मंत्री गिरीश महाजन ने नासिक में संवाददाताओं से कहा कि सरकार गठन से संबंधित गतिरोध नौ नवंबर तक सुलझा लिया जाएगा, उस दिन वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है.
राउत के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ”राउत क्या बोल रहे हैं, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है.”
महाजन ने कहा, ” उनकी पार्टी ने उन्हें बोलने का अधिकार दिया है, इसलिए वह बात कर रहे हैं. उन्हें उदाहरण देना चाहिए था कि किसने किस पर दबाव डाला है.”