डेटा संग्रहण के नियमों को प्रस्तावित ‘ई-कॉमर्स नीति’ से बाहर किया गया
ई-कॉमर्स नीति के मसौदे में बड़ा परिवर्तन करते हुए वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने सूचना को स्थानीय स्तर पर स्टोर करने से संबंधित नियमों को अंतिम नीति से बाहर रखने का फैसला किया है. इसके बाद इस मामले से निपटने के लिए प्रस्तावित डेटा सुरक्षा कानून को फिलहाल के लिए छोड़ दिया गया है.
मिंट सूत्रों के हवाले से लिखता है कि अमेजन और फ्लिपकॉर्ट जैसी 25 बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ बैठक में बोलते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि डेटा सुरक्षा से जुड़े मामले अब इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय देखेगा. खबरों के मुताबिक मंत्रालय डेटा सुरक्षा बिल पर काम कर रहा है.
इस बैठक में भाग लेकर आए एक प्रतिनिधि ने बताया, “ये सकारात्मक विकास है. ई-कॉमर्स नीति और डेटा सुरक्षा कानून के कुछ प्रावधान विवादित थे. डेटा से जुड़े मामलों में एक बिंदु का संदर्भ बेहतर है.”
उधर फ्लिपकॉर्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कल्याण कृष्णमूर्ति ने एक वक्तव्य में कहा, “हम इस बारे में पीयूष गोयल के प्रयास की सराहना करते हैं. एक जीवंत ई-कॉमर्स बाजार और डिजिटल इंडिया के निर्माण के लिए हमारे बीच एक स्पष्ट, और सकारात्मक बातचीत हुई. हम आगे मंत्रालय और अन्य हितधारको के साथ मिलकर उन्नति के इस सपने को साकार करना चाहते हैं.”
सूचना के स्थानीयकरण को लेकर काफी समय से बहस चल रही है. मल्टीनेशनल कंपनियों को भारत का प्रस्ताव जंच नहीं रहा है. जबकि भारत सरकार नागरिकों की निजी सूचना को सीमापार भेजने के लिए तैयार नहीं है.
इस समस्या से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बीएन कृष्णा की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय कमिटी का गठन किया गया था. इसी कमिटी ने डेटा सुरक्षा बिल 2018 का मसौदा तैयार किया था. इस मसौदे में एक डेटा सुरक्षा प्राधिकरण स्थापित करने की बात कही गई है. साथ ही सीमापार सूचना के प्रवाह पर प्रतिबंध लगाने की बात भी कही गई है.
इस मसौदे में डेटा की सिर्फ एक कॉपी बनाने की बात कही गई है, जो कि भारत में ही रखी जानी चाहिए. ये भारत सरकार को किसी भी सूचना को संवेदनशील सूचना घोषित करने का अधिकार देता है. और सरकार को इसे भारत में प्रोसेस करने और स्टोर करने का अधिकार देता है.
हालांकि ये बिल अभी कैबिनेट से पास नहीं हुआ है, लेकिन इसे इसी मॉनसून सत्र में संसद के पटल पर रखा जाना है.
इस मामले में एक और पेंच अमेरिका का विरोध है. अमेरिका सूचना के स्थानीयकरण के विरोध में है. इसके चलते भारत सरकार इस बारे में बहुत सोच-समझकर कदम उठा रही है. फिलहाल विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद आज इस मामले में अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पियो से बातचीत करेंगे.
इससे पहले फरवरी में जारी की गई ई-कॉमर्स मसौदा नीति में ही सूचना सुरक्षा को लेकर प्रावधान दिए गए थे. इस ड्रॉफ्ट में कहा गया है कि डेटा सुरक्षा और निजता की चिंताएं लगातार बढ़ रही हैं, इसलिए सीमापार सूचना के प्रवाह को नियंत्रित करना एक जरूरी कदम है.
उधर वाणिज्य मंत्रालय पहले ही कह चुका है कि इस मामले में कोई अंतिम फैसला करने से पहले सभी हितधारकों को उचित समय और मौके दिए जाएंगे.