चीन में कोरोना वायरस ने लीं 1,110 जानें, 44000 से अधिक नए मामले
चीन में घातक कोरोना वायरस से 97 और लोगों की जान जाने के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,110 हो गई और इसके अभी तक 44,653, से अधिक मामले सामने आ चुके हैं.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने बताया कि 31 प्रांतीय स्तर के क्षेत्रों में 97 लोगों की जान चली गई और 2,015 नए मामलों की पुष्टि होने की खबरें हैं.
वहीं जिनेवा में एक सम्मेलन के दौरान विश्व स्वास्थय संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस को आधिकारिक तौर पर ‘सीओवीआईडी-19’ नाम दिया है.
आयोग ने बताया कि शनिवार को जिन 97 लोगों की जान गई उनमें से 94 हुबेई प्रांत के थे, जहां इस वायरस के कारण सर्वाधिक लोग मारे गए हैं. इसके अलावा हेनान, हुनान और चोंग्किंग में इससे एक-एक व्यक्ति की जान गई है.
आयोग ने बताया कि मंगलवार को इसके 3,342 नए संदिग्ध मामले भी सामने आए.
उसने बताया कि मंगलवार को 871 मरीज गंभीर रूप से बीमार थे और वहीं 744 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई. अभी तक कुल 4,740 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है.
चीन में मंगलवार तक 44,653 मामलों की पुष्टि हो गई थी और 1,113 लोगों की जान इससे जा चुकी है.
आयोग के अनुसार, 8,204 लोगों की हालत गंभीर बनी रही और 16,067 लोगों के इससे संक्रमित होने की आशंका है.
हांगकांग में मंगलवार तक कोरोना वायरस के 49 मामले सामने आ चुके थे, जहां इससे एक व्यक्ति की जान भी जा चुकी है. मकाउ में 10 और ताइवान में इसके 18 मामले सामने आए हैं.
ऐसा माना जा रहा है कि यह वायरस पिछले साल हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान के उस बाजार से फैला था, जहां जंगली जानवर बेचे जाते हैं.
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख तेदरोस अदहानोम गेब्रेयसेस ने मंगलवार को कहा था कि हालांकि इसके 99 प्रतिशत मामले चीन में है लेकिन यह पूरे विश्व के लिए एक बड़ा खतरा है.
उन्होंने सभी देशों से इस संबंध में किए गए किसी भी शोध की जानकारी साझा करने की अपील भी की थी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूचओ) के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की एक टीम आपात स्वास्थ्य स्थितियों से निपटने के लिए प्रभारी ब्रूस एलवर्ड के नेतृत्व में सोमवार रात यहां पहुंची थी. टीम ने मंगलवार को कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने को लेकर चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ चर्चा शुरू की.
चीन अधिकारियों ने मंगलवार को हुबेई से दो वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों को बर्खास्त कर उसकी राजधानी वुहान में प्रतिबंध कड़े कर दिए थे. वहां पहले से ही करोड़ों लोग प्रतिबंधों के दायरे में हैं.