कैबिनेट में तमिलनाडु से एक भी मंत्री नहीं


disappointment for aiadmk tamil nadu given no representation in cabinet

 

60 वर्षों में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब तमिलनाडु से एक भी नेता को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में जगह नहीं मिली. तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी और एनडीए की घटक  एआईएडीएमके के एक भी नेता को मंत्रिपरिषद में जगह मिलने से पार्टी नेता काफी नाराज नजर आ रहे हैं.

हालांकि बीजेपी प्रवक्ता टी नारायणन ने पार्टी के फैसला का बचाव करते हुए कहा, “मंत्रिपरिषद में निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर को शामिल किया गया है.” आगे उन्होंने कहा, “… और आगे जब मंत्रिपरिषद में बदलाव या इसमें विस्तार होगा तो एआईएडीएमके को भी पूरा प्रतिनिधित्व दिया जाएगा.”

ध्यान दें कि आखिरी बार लगभग 20 साल पहले एआईएडीएमके का कोई नेता कैबिनेट में शामिल हुआ था.

शपथ ग्रहण समारोह से पहले अटकलें थीं कि थेनी लोकसभा सीट से नवनिर्वाचित सांसद पी रवीन्द्रनाथ कुमार और पूर्व राज्य आवास मंत्री और राज्यसभा सदस्य आर वैथिलिंगम कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं.

मार्च 1999 में बनी अटल बिहारी वायपेयी की दूसरी सरकार में पूर्व लोकसभा स्पीकर एम थंबीदुरई और तमिलनाडु विधानसभा में पूर्व स्पीकर आर मुथई को कैबिनेट में जगह देने की बात सामने आई थी. आरके कुमार और कादामबुर एमआर जानारधानम का नाम राज्य मंत्रियों के लिए लगभग तय था.

लेकिन तब मुथई और कुमार को ये प्रस्ताव ठुकराना पड़ा था जबकि थंबीदुरई और जानारधानम को बीजेपी से दूरियों के चलते राज्य मंत्रियों के पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

2014 में एआईएडीएमके नरेंद्र मोदी सरकार का हिस्सा नहीं थी. लेकिन बीजेपी के सहयोग से पार्टी थंबीदुरई को डिप्टी स्पीकर बनाने में कामयाब रही थी. फिलहाल लोकसभा में एआईएडीएमके का एक सांसद है और राज्यसभा में पार्टी के 13 सांसद हैं. जिसमें में तीन जुलाई में सेवानिवृत्त हो रहे हैं और एक सांसद शशिकला पुष्पा रामास्वामी को पार्टी ने पहले ही बाहर का रास्ता दिखा दिया है.

कैबिनेट में जगह नहीं मिलने पर एक एआईएडीएमके नेता ने कहा कि इससे तो बेहतर होता कि नीतीश कुमार की तरह पार्टी खुद कैबिनेट से दूर रहने का ही फैसला करती.


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