ग्रामीण क्षेत्र में एफएमसीजी की विकास दर में रिकॉर्ड गिरावट


Domestic consumption demand falls drastically in rural area

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2019 की तीसरी तिमाही में ग्रामीण बाजार की वृद्धि दर घटकर पांच फीसदी रह गई है. 2018 की तीसरी तिमाही में वृद्धि दर 20 फीसदी थी. नीलसन की रिपोर्ट के मुताबिक इसकी वजह से एफएमसीजी (घरेलू खपत) क्षेत्र में सुस्ती आई है.

रिटेल मेजरमेंट सर्विस नीलसन (दक्षिण एशिया) के सुनील खिआनी ने कहा कि पिछले सात साल में पहली बार तीसरी तिमाही में शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण भारत के बाजार की वृद्धि दर कम रही.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक 2019 की तीसरी तिमाही में एफएमसीजी क्षेत्र की सकल(ग्रामीण और शहरी को दोनों को मिलाकर) वृद्धि दर 16.2 फीसदी से घटकर 7.3 फीसदी रह गई.

खिआनी ने कहा, ‘सबसे चिंताजनक बात खपत का घटना है. 13 फीसदी खपत आधारित वृद्धि दर घटकर 3.9 फीसदी रह गई है.’

उन्होंने कहा कि सुस्ती का सबसे अधिक खामियाजा छोटे उत्पादकों को उठाना पड़ रहा है क्योंकि घटी हुई मांग के बाद वह अपने कारोबार को चलाने में असमर्थ हो रहे हैं. इससे प्रोडक्ट के दाम पर प्रभाव पड़ा है और उन्हें अपने कारोबार के विस्तार में मुश्किलें आ रही हैं.

निल्सन ने चालू कैलेंडर वर्ष की अंतिम तिमाही तक स्थिति में सुधार नहीं होने का अनुमान लगाया है.  कैलेंडर वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में स्थिति में मामूली सुधार की उम्मीद जताई गई है.

रिपोर्ट के मुताबिक मॉल, ऑनलाइन शॉपिंग जैसे रिटेल कारोबार के बाजार में 13 फीसदी की वृद्धि हो रही है जबकि पारंपरागत कारोबार सिर्फ सात फीसदी की दर से बढ़ रहा है.

नीलसन ने कैलेंडर वर्ष 2019-20 में एफएमसीजी क्षेत्र में नौ फीसदी वार्षिक विकास दर रहने का अनुमान लगाया है.

उत्तर भारत में एफएमसीजी क्षेत्र में आई सुस्ती की बड़ी वजह यहां आई मांग में कमी है. उत्तर भारत का एफएमसीजी में हिस्सेदारी करीब 30 फीसदी है.

वहीं दक्षिण भारत में एफएमसीजी क्षेत्र की विकास दर स्थिर बनी हुई है.

जानकारों के मुताबिक उत्तर भारत में आई बाढ़ और बेरोजगारी की बढ़ी दर की वजह से मांग में कमी आई है. ऑटो सेक्टर में आई सुस्ती की वजह से उत्तर भारत में बेरोजगारी बढ़ी है.

खिआनी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी की दर 5.6 फीसदी से बढ़कर 7.8 फीसदी हो गई है. इसके साथ ही पिछले दस साल ग्रामीण क्षेत्र में मजदूरी में मामूली वृद्धि की वजह से आय में कमी आई है.


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