मंदी का असर: टाटा मोटर्स के 1600 कर्मचारियों को वीआरएस देने की तैयारी


due to auto sector slow down 30 steel companies down shutters in Jamshedpur

 

टाटा मोटर्स लिमिटेड स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना यानी वॉलेंटरी रिटायरमेंट स्कीम (वीआरएस) की योजना पर काम कर रहा है.

मामले के जानकारों के मुताबिक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के चलते कंपनी पर दबाव बढ़ा है.

यह स्कीम अलग-अलग विभाग के हर स्तर पर कर्मचारियों के लिए है. खासकर पैसेंजर और कमर्शियल वाहनों के विभाग के लिए.

जानकरों के मुताबिक, ‘इस साल टाटा मोटर्स के कर्मचारियों की छंटनी पिछले साल की तुलना में ज्यादा सख्त है. इससे पहले कंपनी ने जैग्वर लैंड रोवर में अतिरिक्त स्टाफ की छंटनी की थी. अब कंपनी अपने कर्मचारियों से स्वेच्छा से रिटायरमेंट लेने को कह रही है. इसके लिए सभी विभागों और अलग-अलग पदों  पर 1600 कामगारों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ेगी.’

टाटा मोटर्स के इस कदम के बाद अन्य वाहन निर्माता कंपनियां भी अपने कर्मचारियों की छंटनी करने के लिए समान योजना लेकर आए हैं.

सितंबर 2018 की तुलना में कंपनी की कर्मचारी लागत सितंबर 2019 में  5.9 फीसदी से बढ़कर 10.7 फीसदी हो गई. इसी दौरान कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी में कर्मचारियों पर होने वाला खर्च 3.5 फीसदी की तुलना में 4.9 फीसदी हो गया है.

पिछले साल की तुलना में कंपनी की शुद्ध बिक्री में 44 फीसदी की गिरावट हुई. इसके साथ ही पिछले साल की तुलना में 109.14 करोड़ के लाभ की तुलना में 1,281.97 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है.

इसकी तुलना में कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी में कर्मचारियों पर खर्च होने वाला  की तुलना में      पिछले साल की 3.5 फीसदी की तुलना में 4.9 फीसदी है.

बीते कई वर्षों से टाटा मोटर्स की कोशिश रही है कि कर्मचारी लागत को कम किया जाए. साल 2017 में भी कंपनी ने ऐसा ही एक स्कीम लॉन्च लेकर आई थी. लेकिन, ज्यादातर स्थाई कर्मचारियों नें इस स्कीम से खुद को दूर रखा था.

एक ई-मेल का जवाब देते हुए टाटा मोटर्स के प्रवक्ता ने कहा कि अभी इस वक्त ऐसी कोई योजना नहीं है.


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