साल 2016 से 2018 के बीच अफस्पा वाले क्षेत्रों में 334 सैनिकों ने गंवाई जान
साल 2016 से 2018 के बीच AFSPA (सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून) लागू क्षेत्रों में 334 सैनिक मारे गए हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में यह जानकारी संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में दी. राज्यसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 में 113 सैनिक, 2017 में 125 और 2018 में 96 सैनिक उन क्षेत्रों में मारे गए जहां AFSPA लागू था.
AFSPA सशस्त्र बलों को विशेष अधिकार देता है. यह कानून जम्मू-कश्मीर और कुछ उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में लागू है. रक्षा मंत्री ने बताया कि 2016 से 2018 के बीच सीमा पर झड़प के कारण 69 सैनिक मारे गए थे. एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा इसी दौरान सेना के 31 जवान हताहत हुए थे.
एक और सवाल के जवाब में राजनाथ सिंह ने जानकारी दी कि 2017 से 2018 के दौरान 87 सैनिक आतंकी हमलों में मारे गए हैं.
उन्होंने कहा, “पिछली सभी घटनाओं के खतरे के आंकलन और विश्लेषण के आधार पर सेना अपने सभी शिविरों और प्रतिष्ठानों की समय-समय पर समीक्षा करती है.”
उन्होंने जोड़ा, “इन समीक्षाओं के आधार पर इस तरह के खतरों का मुकाबला करने के लिए उप्युक्त अभ्यास और प्रक्रिया अपनाई जाती है.”