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पश्चिम बंगाल में समय से पहले लगी चुनाव प्रचार पर रोक
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की रैली के बाद हुई हिंसा के मद्देनजर चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी है. चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी.
चुनाव प्रचार पर यह रोक 16 मई को रात 10 बजे से लागू होगी. अभी बंगाल में नौ लोकसभा सीटों पर चुनाव होना बाकी है.
चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि कोई भी व्यक्ति 16 मई को रात 10 बजे के बाद चुनाव से संबंधित पब्लिक मीटिंग नहीं कर पाएगा. ऐसा पहली बार हो रहा है कि धारा 324 का इस्तेमाल किया जा रहा है.
चुनाव आयोग के इस फैसले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग बीजेपी के कहे अनुसार चल रहा है. चुनाव आयोग का यह फैसला अभूतपूर्व है. कल की हिंसा अमित शाह की वजह से हुई. चुनाव आयोग ने शाह को कारण बताओ नोटिस क्यों नहीं भेजा या शाह को बैन क्यों नहीं किया?
ममता बनर्जी ने आगे कहा कि आज अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके चुनाव आयोग को धमकाया. क्या चुनाव आयोग का यह फैसला इसी का परिणाम है? बंगाल डरा नहीं है. बंगाल को इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि मैं मोदी के खिलाफ बोल रही हूं.
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस पूरे मामले पर बीजेपी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया.
इससे पहले अमित शाह के रोड शो के दौरान हिंसा हो गई थी. इसमें बंगाली पुनर्जागरण के प्रतीक ईश्वर चंद्र विद्यासागर की मूर्ति तोड़ दी गई.
इसे लेकर टीएमसी के छात्र संगठन ने विरोध प्रदर्शन किया था. सीपीआईएम ने भी मूर्ति तोड़े जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया और मामले की जांच की मांग की. वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने हिंसा के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन किया.
इससे पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर हमला बोलते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “अमित शाह खुद को क्या समझते हैं? क्या वह सबसे ऊपर हैं? क्या वह भगवान हैं कि उनका विरोध कोई नहीं कर सकता?”