ब्रेग्जिट पर बने गतिरोध से नाराज ब्रिटिश लोगों ने टोरी पार्टी को नकारा


european election: britain rejects tories and labour due to brexit deadlock

  ट्विटर

ब्रिटेन में आम लोग ब्रेग्जिट पर बने गतिरोध को लेकर किस कदर नाराज हैं इसकी एक झलक यूरोपीय संसद के लिए हो रहे चुनाव में देखने को मिली है. पूरी तरह ब्रेग्जिट के समर्थन के मकसद से हाल में बनी ब्रेग्जिट पार्टी ने इस चुनाव में बड़ी सफलता हासिल की है.

ब्रेग्जिट पार्टी ने 33.3 फीसदी वोट के साथ 28 सीटें हथिया ली हैं. वहीं कंजरवेटिव पार्टी 200 साल के इतिहास में सबसे कम वोट प्राप्त कर सकी है. इस चुनाव में कंजरवेटिव को सिर्फ 8.8 फीसदी वोट के साथ तीन सीटों से संतोष करना पड़ा है.

लेबर पार्टी की हालत भी कुछ अच्छी नहीं रही, उसके वोट में 14 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई. लेबर पार्टी को 10 सीटें मिली. वहीं लिबरल डेमोक्रेट की हालत कुछ बेहतर कही जा सकती है. इनको 20.9 फीसदी वोट के साथ 15 सीटें मिली.

नाइजेल फराज की ब्रेग्जिट पार्टी को ना सिर्फ ग्रामीण इलाकों में समर्थन मिला बल्कि शहरी इलाकों में भी इसने अच्छे वोट प्राप्त किए. कार्डिफ, लीड्स और शेफील्ड जैसे शहरों में पार्टी को जोरदार समर्थन मिला.

उधर लेबर पार्टी प्रमुख जेरेमी कॉर्बिन ने इस परिणाम के बाद अपनी ब्रेग्जिट नीति पर दोबारा विचार करने की बात कही है. कॉर्बिन हालांकि ब्रेग्जिट के समर्थन में हैं, लेकिन मे सरकार की ब्रेग्जिट योजना में वे लगातार गतिरोध पैदा करते रहे हैं. उन्होंने ब्रेग्जिट को लेकर खुलकर अपना स्टैंड भी नहीं लिया. इसका खामियाजा उन्हें इस चुनाव में देखने को मिला है.

जेरेमी कॉर्बिन ने कहा, “ब्रेग्जिट पर टोरियों की तीन साल की असफलता के बाद ये ब्रेग्जिट को लेकर एक तरह का छद्म रेफरेंडम ही है. हम आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और ब्रेग्जिट बंटवारे को लेकर दोनों पक्षों पर इन परिणामों को देखते हुए गौर करेंगे.”

वहीं अपनी पार्टी की जीत से खुश नाइजेल फराज ने इसे ऐतिहासिक जीत बताया है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने लंदन और वेल्स को छोड़कर पूरे देश में जोरदार समर्थन हासिल किया है.

उन्होंने कहा, “ब्रिटेन के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है. एक नई पार्टी जो सिर्फ छह हफ्ते पहले लांच हुई है, राष्ट्रीय चुनाव में सबसे ऊपर है.”


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