50 फीसदी वीवीपैट के मिलान संबंधी समीक्षा याचिका पर कल होगी सुनवाई
ईवीएम की वीवीपैट से मिलान वाली समीक्षा याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा. ये सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ करेगी.
इससे पहले 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को आदेश दिया था कि हर विधानसभा में एक की बजाए पांच बूथों पर ईवीएम-वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान होगा. सुप्रीम कोर्ट के इसी आदेश पर पार्टियों ने यह समीक्षा याचिका दायर की थी.
चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई वाले इन राजनीतिक दलों के अलावा इस मामले में तीन अन्य व्यक्तियों ने भी समीक्षा याचिका दायर की है. इनके नाम एमजी देवसहायम्, कलारिकल प्रांचू फाबियन और थॉमस फ्रेंको राजेंद्र देव है. इनकी मांग है कि कम से कम 30 फीसदी वीवीपैट का मिलान ईवीएम से जरूर किया जाए.
इस मामले में सबसे पहले 21 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका दायर की थी. इस याचिका में इन पार्टियों ने अदालत से मांग की थी कि वह चुनाव आयोग को ईवीएम से वीवीपीएटी के 50 फीसदी मिलान करने का निर्देश दे.
जिस पर चुनाव आयोग ने देरी का तर्क दिया था. चुनाव आयोग ने कोर्ट में कहा था कि हमारे पास इतनी जनशक्ति नहीं है कि 50 फीसदी वीवीपैट का मिलान किया जा सके. आयोग की ओर से कहा गया था कि इसकी वजह से परिणाम में गैरजरूरी देरी होगी.
हालांकि याचिकाकर्ताओं ने चुनाव आयोग के इस तर्क को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि देरी से ज्यादा जरूरी है न्याय. उनका कहना था कि इससे नागरिकों का चुनाव प्रक्रिया में भरोसा बढ़ेगा.