वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी वृद्धि दर 6.9 फीसदी रहने का अनुमान: फिक्की
फिक्की ने अपने ऑउटलुक सर्वे में वित्त वर्ष 2019-20 में अर्थव्यवस्था वृद्धि दर के 6.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. साथ ही सर्वे में अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों, महंगाई दर और वित्तीय घाटे को लेकर भी अनुमानित आंकड़े पेश किए गए हैं. फिक्की ने यह सर्वे इसी साल जून और जुलाई में कराया और इसमें उद्योग, बैंकिंग और वित्तीय सेवा क्षेत्र के अर्थशास्त्रियों ने भाग लिया.
सर्वे में बताया गया कि वित्त वर्ष 2019-20 में अर्थव्यवस्था के निम्नतम 6.7 और अधिकतम 7.2 फीसदी की गति से बढ़ने का अनुमान है. कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों की वृद्धि दर 2.2 फीसदी रहने का अनुमान है. वहीं अगर औद्योगिक और सेवा क्षेत्र की बात करें तो वित्त वर्ष 2019-20 में इनके क्रमश: 6.9 और 8 प्रतिशत की दर से वृद्धि करने का अनुमान लगाया गया है.
सर्वे में वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में 6 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया है. वहीं औद्योगिक उत्पादन सूचकांक को 4.5 प्रतिशत पर रखा गया है. इसकी न्यूनतम और अधिकतम वृद्धि दर की बात करें तो ये क्रमश: 3.3 और 7.3 प्रतिशत है.
सर्वे में महंगाई दर को लेकर नरमी बरती गई है. होलसेल प्राइस इंडेक्स पर आधारित महंगाई दर के 2.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है. वहीं कन्ज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर आधारित महंगाई दर के 3.7 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया गया है.
वित्तीय घाटे की बात करें तो वित्त वर्ष 2019-20 में इसको जीडीपी के 2.3 फीसदी रहने का अनुमान सर्वे में लगाया गया है.
सर्वे में शामिल सभी अर्थशास्त्रियों ने एकमत में इस ओर इशारा किया है कि अंत में जीडीपी वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रहेगी. हालांकि, सभी इस बात को लेकर सशंकित हैं कि जीडीपी वृद्धि दर पहले की 8 प्रतिशत की वृद्धि दर पर पहुंचेगी और इसी स्तर पर बनी रहेगी.
आशावान अर्थशास्त्रियों का भी मानना है कि वैश्विक आर्थिक हालातों को देखते हुए जीडीपी वृद्धि दर के 8 फीसदी तक पहुंचने में तीन से चार साल का वक्त लगेगा.