चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में राजकोषीय घाटा 52 प्रतिशत पहुंचा
सरकार का राजकोषीय घाटा 2019-20 के पहले दो महीनों में पूरे साल के बजट अनुमान का 52 प्रतिशत पहुंच गया है.
महालेखा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार निरपेक्ष रूप से राजकोषीय घाटा 3,66,157 करोड़ रुपये रहा.
पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में राजकोषीय घाटा बजटीय लक्ष्य का 55.3 प्रतिशत था.
सरकार ने फरवरी में 2019-20 के लिए पेश अंतरिम बजट में राजकोषीय घाटा 7.03 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया था.
सरकर ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.4 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य रखा है. यह पिछले वित्त वर्ष के बराबर है.
आंकड़ों के अनुसार सरकार की राजस्व प्राप्ति 2019-20 के अप्रैल-मई में बजटीय अनुमान का 7.3 प्रतिशत रही. एक साल पहले इसी अवधि में राजस्व प्राप्ति इतनी ही थी.
हालांकि पूंजी व्यय बजटीय अनुमान का केवल 14.2 प्रतिशत रहा जो एक साल पहले इसी दौरान 21.3 प्रतिशत थी.
सरकार का कुल व्यय अप्रैल-मई 2019 के दौरान 5.12 लाख करोड़ रुपये रहा जो बजटीय अनुमान का 18.4 प्रतिशत है. एक साल पहले इसी अवधि में यह 19.4 प्रतिशत था.
आरबीआई के मुताबिक वित्त वर्ष 2019 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 2.1 फीसदी हो गया है. पिछले वित्त वर्ष में यह 1.8 फीसदी था.
देश का बाहरी कर्ज मार्च 2019 के अंत तक 2.60 प्रतिशत बढ़कर 543 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. इसका मुख्य कारण अल्पावधि ऋण, वाणिज्यिक कर्ज और अनिवासी भारतीय (एनआरआई) के जमा में वृद्धि होना है. आरबीआई ने यह जानकारी दी है.
रिजर्व बैंक ने कहा, ‘‘मार्च 2019 के अंत तक देश का कुल बाह्य कर्ज 543 अरब डॉलर पर पहुंच गया. यह मार्च 2018 के अंत के स्तर की तुलना में 13.7 अरब डॉलर अधिक है.’’
बाह्य कर्ज और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का अनुपात मार्च 2019 के अंत में 19.7 प्रतिशत रहा. यह अनुपात मार्च 2018 के अंत में 20.10 प्रतिशत था.
रिजर्व बैंक ने कहा कि रुपया और अन्य मुद्राओं की तुलना में डॉलर के मजबूत होने से मूल्यांकन में 16.7 अरब डॉलर का फायदा हुआ. यदि इसे हटा दिया जाए तो मार्च 2018 की तुलना में मार्च 2019 में बाह्य कर्ज में हुई वृद्धि 13.70 अरब डॉलर के बजाय 30.40 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगी.
रिजर्व बैंक ने कहा कि कुल बाहरी कर्ज में वाणिज्यिक कर्ज का सर्वाधिक 38 प्रतिशत योगदान रहा. इसके बाद एनआरआई जमा की 24 प्रतिशत और अल्पावधि ऋण की 18.90 प्रतिशत हिस्सेदारी रही.