सस्ती 5 जी सेवा के लिए सरकार बना रही सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी की योजना


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केंद्र की मोदी सरकार टेलीकॉम स्पेक्ट्रम की अब तक की सबसे बड़ी नीलामी करने की योजना बना रही है. इससे सरकार के पास छह लाख करोड़ रुपये इकट्ठा होने का अंदाजा है. इन पैसों से सरकार सस्ती 5 जी और एफटीटीएच इंटरनेट सेवा शुरू करेगी.

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर के अनुसार टेलीकॉम क्षेत्र की सबसे बड़ी इकाई डिजिटल कम्युनिकेशन कमीशन ने इस योजना को मंजूरी दे दी है और सरकार 8,600 मेगाहर्ट्ज के मोबाइल वेयर की नीलामी करेगी. इस साल के समाप्त होने से पहले ही ऐसा होने की संभावना है.

टेलीकॉम सचिव और डिजिटल कम्युनिकेशन कमीशन के अध्यक्ष अरुणा सुंदरराजन ने बताया कि अगर सभी स्पेक्ट्रम को रिजर्व दामों में भी बेचा जाता है तो भी सरकार को कम से कम 5.8 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे.

वहीं बताया जा रहा है कि सरकार का विचार इस नीलामी से ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने की जगह यह सुनिश्चित करना है कि टेलीकॉम सुविधाएं पहले से ज्यादा बेहतर हों.

टेलीकॉम मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इस नीलामी से पहले ट्राई को सभी सिफारिशों को ध्यान से देखना चाहिए ताकि प्रधानमंत्री मोदी के ‘सभी के लिए ब्रॉडबैंड’ के विजन को पूरा किया जा सके.

अधिकारी ने बताया कि हमें यह सुनिश्चित करना है कि 5 जी का प्रयोग ना केवल स्मार्ट कारों और स्मार्ट शहरों के लिए हो, बल्कि यह ग्रामीण इलाकों में शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए भी काम आ सके.

बताया जा रहा कि नीलामी प्रक्रिया में चीन की कंपना हुवावे का भाग लेना साफ नहीं है. यह भी कहा जा रहा है कि सरकार चाहती है कि टेस्टिंग फेज में रेगुलर टेलीकॉम ऑपरेटर्स रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया की जगह एरिक्सन, नोकिया और सैमसंग जैसी कंपनियां भी हिस्सेदार बनें.


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