भारत ने पहली बार UN में इजराइल के समर्थन में मतदान किया
भारत ने यूएन में इजराइल के पक्ष में वोट किया है. ऐसा फिलिस्तीन के एक मानवाधिकार समूह को यूएन की इकॉनॉमिक एंड सोशल काउंसिल में प्रेक्षक बनने से रोकने के लिए किया गया है. ऐसा पहली बार है जब भारत ने यूएन की किसी संस्था में इजराइल के पक्ष में वोट किया है.
इजराइल ने शाहेद नाम के इस संगठन को रोकने के लिए प्रस्ताव रखा था. इजराइल का तर्क था कि इस संगठन ने हमास के साथ अपने रिश्तों को साफ नहीं किया है.
पिछले दो दशकों में भारत और इजराइल के रिश्तों में काफी सुधार हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इजराइली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू के साथ अपने निजी रिश्ते को इसके साथ ही और बल दिया है.
इजराइल ने इस संबंध में छह जून को यूएन में प्रस्ताव पेश किया था, तब भारत इस मामले में इजराइल के साथ खड़ा था. इजराइल ने अपने प्रस्ताव में कहा था कि लेबनान आधारित इस संगठन के संबंध हमास से हैं.
अमेरिका ने हमास को आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है.
भारत के यूएन में इस कदम का खुलासा दिल्ली में इजराइल की मिशन उप प्रमुख माया कदोश ने किया. उन्होंने एक ट्वीट के जरिए इजराइल का साथ देने के लिए भारत का शुक्रिया अदा किया.
कदोश ने अपने ट्वीट में कहा, “यूएन में हमारा साथ देने के भारत का शुक्रिया, और आतंकवादी संगठन शाहेद को यूएन में प्रेक्षक बनने से रोकने के लिए धन्यवाद. हम आगे भी मिलकर ऐसे आतंकवादी संगठनों को नुकसान पहुंचाने से रोकेंगे.”
शाहेद ने प्रेक्षक दर्जे के लिए इस साल जनवरी में प्रस्ताव दिया था. और ये यूएन की इकॉनॉमिक एंड सोशल काउंसिल में पहले स्तर को पार कर गया था. इसके बाद मार्च के महीने में इजराइल ने इस पर हमास के साथ रिश्ते का आरोप लगाकर आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था.
इस प्रस्ताव के पक्ष में रिकार्ड 28 मत पड़े जबकि 15 देशों ने इसके खिलाफ मतदान किया जबकि पांच देशों ने मत विभाजन में भाग नहीं लिया.
प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने वाले देशों में ब्राजील, कनाडा, कोलंबिया, फ्रांस, जर्मनी, भारत, आयरलैंड, जापान, कोरिया, यूक्रेन, ब्रिटेन, और अमेरिका शामिल हैं.
भारत की ओर से इस पर अभी तक कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.