चुनावी चंदे का 90 फीसदी हिस्सा सिर्फ एक पार्टी को मिला: मनमोहन सिंह


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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चुनाव के लिए ‘स्टेट फंडिंग’ पर बहस की आवश्यकता की बात कही है. उन्होंने कहा है कि ऐसे समय में जब चुनावी चंदे का 90 फीसदी सिर्फ एक पार्टी के हिस्से में जाता है, तब सरकार द्वारा चुनावी खर्च वहन करने की बात पर बहस करना जरूरी हो गया है.

मनमोहन सिंह सीपीआई के पूर्व नेता इंद्रजीत गुप्ता की जन्म शती के मौके पर बोल रहे थे. चुनावी चंदे पर सुझाव के लिए गठित इंद्रजीत गुप्ता समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, “आज जबकि कुल चुनावी चंदे का 90 फीसदी हिस्सा सिर्फ एक पार्टी के खाते में जा रहा है, ऐसे में हमें इन विचारों पर बात करनी चाहिए.”

इंद्रजीत गुप्ता समिति ने चुनावी खर्च के राज्य द्वारा वहन करने की सिफारिश की थी.

उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र की ये खूबसूरती रही है कि विचारात्मक विरोधाभास के बावजूद विपक्ष को उसकी जगह मिली है. मनमोहन सिंह ने कहा, “विपक्ष में लंबा समय गुजारने के चलते इंद्रजीत को ये पता था कि बिना विपक्ष के लोकतंत्र आत्माविहीन होता है.”

इंद्रजीत गुप्ता लगातार 37 सालों तक सांसद रहे. 1960 से लेकर अपनी 2001 में हुई अपनी मृत्यु तक वे संसद के सदस्य रहे.

हालांकि उनकी जन्म शती के मौके पर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी मौजूद नहीं रहीं, लेकिन उनके लिखे पत्र को मनमोहन सिंह ने पढ़ा.

इस मौके पर सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने इंद्रजीत गुप्ता के बारे में रोचक बातें बताई. उन्होंने कहा कि इंद्रजीत शासन के मानदंडों के पक्षधर थे.

येचुरी ने बताया कि उनके 18 महीने के गृह मंत्री के कार्यकाल के दौरान मैंने उनसे भारत में साम्यवादी आंदोलन के कागजातों को जारी करने की बात कही. इस पर उन्होंने मुझे साफ मना कर दिया. उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में प्रशासनिक नियमों की अनदेखी नहीं की जा सकती.

येचुरी ने कहा कि इंद्रजीत गुप्ता ने स्टेट फंडिंग की बात इसलिए भी कही, क्योंकि व्यवसायी फंडिंग के चलते गरीबों का अधिक शोषण होता है. उन्होंने कहा, “उद्योगपति द्वारा गरीबों का शोषण बढ़ जाता है, क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके पैसे से ही किसी एक पार्टी को धन मिला है.”


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