पूरे देश में आम हड़ताल का मिला-जुला असर


general strike impact across the country

 

ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों की देशव्यापी हड़ताल का मिला जुला असर देखने को मिल रहा है. खबरों के मुताबिक हड़ताल को फैक्ट्री कामगारों के अलावा किसानों, छात्र संगठनों और शिक्षक संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है.
देश की अलग-अलग जगहों से हड़ताल की खबरें आ रही हैं.

कोल इंडिया के कर्मी भी हड़ताल पर हैं. इस हड़ताल से कोल इंडिया को पांच सौ करोड़ के घाटे का अनुमान लगाया जा रहा है. इससे बिजली का संकट खड़ा होने की संभावना भी जताई जा रही है.

कर्नाटक में राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) की बसें राज्य में अधिकतर स्थानों पर सड़कों से नदारद हैं. पीटीआई के मुताबिक मैसूर बेंगलुरु, हुबली-धारवाड़ सहित अन्य स्थानों पर हड़ताल का मिलाजुला असर दिखाई दे रहा है.
कई जिलों में स्कूल और कॉलेजों की छुट्टी कर दी गई और परीक्षाएं भी रद्द कर दी गईं हैं.

होटल, दुकानें और मॉल तथा सिनेमा हॉल जैसे अन्य संस्थानों के मालिकों ने मजदूर संघों की हड़ताल के समर्थन में इन्हें बंद रखा है.

उधर महाराष्ट्र में मुंबई के बंद का मिलाजुला असर देखा जा रहा है. मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बीईएसटी) के कर्मी भी हड़ताल पर हैं. हड़ताल की वजह से मुंबई के छत्रपति शिवाजी रेलवे स्टेशन के 25 लाख यात्री प्रभावित हुए हैं.

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में भी हड़ताल का असर दिख रहा है. यहां तृणमूल कांग्रेस और सीपीएम के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की खबरें आ रही हैं. इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि सरकारी कर्मचारियों को हड़ताल में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टियों पर राज्य में बंद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया.

ओड़ीसा में न्यूनतम मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा की मांग को लेकर राजधानी भुवनेश्वर में सड़क जाम की खबर है. राज्य में स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थान भी बंद हैं.

बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की नीतियों के विरोध में दिल्ली में भी छात्र और शिक्षक संघ हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र यूनियन (जेएनएसयू), दिल्ली विश्वविद्यालय टीचर्स एसोसिएशन (डूटा) और फेडरेशन ऑफ सेंट्रल यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (एफईडीसीयूटीए) हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं.
केरल में बंद के दरम्यान निजी संपत्तियों को तोड़-फोड़ से बचाने के लिए अध्यादेश लाया गया है.

इससे पहले देश के अलग-अलग किसान संगठनों ने ऑल इंडिया किसान सभा के नेतृत्व में 8 से 9 जनवरी को दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की थी. साथ ही ट्रेड यूनियनों ने भी इस हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की थी.
इस हड़ताल में आईएनटीयूसी, एआईटीयूसी, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, एआईसीसीटीयू, यूटीयूसी, टीयूसीसी, एलपीएफ और सेवा आदि मजदूर संगठन शामिल हैं.

इसके साथ ही बंद को किसान संगठन, शिक्षक संगठन और छात्रों का समर्थन मिल रहा है.


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