गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का निधन
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का निधन हो गया है. वो 63 साल के थे और लंबे समय से कैंसर की समस्या से जूझ रहे थे.
मनोहर पर्रिकर का जन्म गोवा के मापुसा में 13 दिसंबर 1955 को हुआ था. शुरुआती शिक्षा मराठी में लेने के बाद मनोहर ने देश के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान आईआईटी से बीटेक किया.
मनोहर पर्रिकर अपने स्कूल के दिनों से ही आरएसएस से जुड़े रहे थे. आईआईटी से निकलने के बाद वे मापुसा में अपना बिजनेस करते रहे और आसएसएस से जुड़े रहे. इस दक्षिणपंथी संस्था ने उन्हें उनकी मेहनत का ईनाम भी दिया. वो चाहे संघ के संचालक का पद हो या गोवा बीजेपी का चेहरा.
गोवा में बीजेपी विधायक दल के नेता के रूप में वो हमेशा ही आरएसएस की पहली पसंद रहे.
मनोहर पर्रिकर साल 1994 में पहली बार गोवा विधानसभा के लिए चुनकर आए. 1999 में उस समय उनको तब बड़ी जिम्मेदारी मिली जब उन्हें गोवा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चुना गया.
24 अक्टूबर 2002 को पर्रिकर पहली बार गोवा के मुख्यमंत्री बने, लेकिन ज्यादा समय तक वो इस पद पर बने नहीं रह सके और 2002 को उनको अपदस्त होना पड़ा. अगली बार पांच जून 2002 को वे फिर गोवा के मुख्यमंत्री चुने गए. इस बार उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया.
साल 2007 के विधान सभा चुनाव में बीजेपी विपक्षी पार्टी कांग्रेस से हार गई. लेकिन 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में पार्रिकर के नेतृत्व में बीजेपी ने एक बार फिर जीत दर्ज की और पर्रिकर फिर से गोवा के मुख्यमंत्री चुने गए.
पर्रिकर को तब गोवा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा जब उनको मोदी कैबिनेट में शामिल होने के लिए बुलावा आया. मोदी सरकार में पर्रिकर को रक्षा मंत्रालय सौंपा गया. इसके लिए उनको उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की सीट दी गई.
गोवा में मनोहर पर्रिकर की लोकप्रियता की झलक उस समय दिखाई दी जब 2017 के विधानसभा चुनावों में सहयोगी दलों ने पर्रिकर को मुख्यमंत्री बनाए जाने की शर्त रखी.
पर्रिकर एक बार फिर से गोवा के मुख्यमंत्री बने. इस दौरान पर्रिकर की तबीयत काफी खराब रहने लगे, लेकिन उन्हें गोवा के मुख्यमंत्री के पद पर बनाया रखा गया. हालांकि विपक्ष ने बीजेपी की इस नीति की जमकर आलोचना भी की, लेकिन पर्रिकर अपनी मौत तक गोवा के मुख्यमंत्री बने रहे.