एक साल तक दिवालिया प्रक्रिया में नहीं जाएगी कंपनी
केंद्र सरकार ने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के एक अहम प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए बड़ा निर्णय लिया है. इसके तहत अगले एक वर्ष तक किसी भी कंपनी के डिफॉल्ट मामले को इन्सॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी कोड यानी आइबीसी के तहत दिवालिया प्रक्रिया के लिए नहीं भेजा जाएगा. कंपनियों के हित में लिए गए इस निर्णय से कंपनियों को एक साल तक दिवालिया घोषित होने से राहत मिलेगी. सरकार कंपनियों के लिए राहत की भी तैयारी कर रही है. यह पैकेज एकमुश्त न होकर इसे कई चरणों में दिया जा सकता है. सरकार कोरोना वायरस के चलते कितना नुकसान हुआ, इसकी भरपाई करने की कोशिश में लगी हुई है.
सरकार के इस कदम से उन कंपनियों को बेहद राहत मिलेगी, जिन्हें कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन के बाद भी कर्ज चुकाने में दिक्कत होगी. कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए तीन मई तक देश में लॉकडाउन घोषित किया गया है. इससे कई कंपनियों की आमदनी पर बुरा असर पड़ा है.
गौरतलब है कि देश के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) के चेयरमैन रजनीश कुमार कई बार कह चुके हैं कि कुछ मामलों में कंपनियों को दिवालिया प्रक्रिया में ले जाने के बदले उन्हें कर्ज चुकाने के लिए वक्त देना चाहिए. संपत्ति के बदले कर्ज देने वाली अग्रणी निजी कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड के चेयरमैन दीपक पारेख भी कंपनियों को दिवालिया प्रक्रिया में ले जाने की जगह उन्हें कर्ज चुकाने का मौका देने की वकालत कर चुके हैं.
हाल ही में रियल्टी कंपनियों को संबोधित करते हुए पारेख ने यहां तक कहा कि दिवालिया प्रक्रिया में जाकर कानूनी दांव-पेच में उलझने से बेहतर है कि कंपनियों को कर्ज चुकाने के लिए थोड़ा वक्त दिया जाए. उससे भी महत्वपूर्ण यह है कि दिवालिया प्रक्रिया के तहत बैंकों और अन्य कर्जदाताओं को अपेक्षाकृत कम समय में वसूली तो हो जाती है, लेकिन अक्सर उन्हें इतनी कम राशि मिलती है कि पछताना पड़ता है. लिहाजा सरकार के इस कदम से कई कंपनियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.